राजस्थानः कांग्रेस में कलह के कारण लटका समितियों का गठन

राजस्थान कांग्रेस में अंतर्कलह के चलते विधानसभा चुनाव से जुड़ी आधा दर्जन महत्वपूर्ण कमेटियां गठित नहीं कर पा रही है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 21 Aug 2018 02:40 PM (IST) Updated:Tue, 21 Aug 2018 06:10 PM (IST)
राजस्थानः कांग्रेस में कलह के कारण लटका समितियों का गठन
राजस्थानः कांग्रेस में कलह के कारण लटका समितियों का गठन

नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान में एक तरफ तो भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस निचले स्तर तक के कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में जुटी है, वहीं दूसरी ओर अंतर्कलह के चलते विधानसभा चुनाव से जुड़ी आधा दर्जन महत्वपूर्ण कमेटियां गठित नहीं कर पा रही है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण चुनाव समिति और चुनाव अभियान समिति शामिल है। सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि ऐसा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान के चलते हो रहा है।

चुनाव समिति नहीं बन पाने के कारण स्क्री¨नग कमेटी का काम भी शुरू नहीं हो पा रहा है । दरअसल, चुनाव समिति की ओर से ही संभावित उम्मीदवारों के नाम स्क्रीनिंग कमेटी में भेजे जाते हैं। इसके बाद यहीं से प्रत्येक विधानसभा सीट पर एक से दो नामों की सूची तैयार कर केंद्रीय चुनाव समिति के समक्ष भेजी जाती है । पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा की अध्यक्षता में दो माह पूर्व ही स्क्रीनिंग कमेटी बनाई जा चुकी है, लेकिन गहलोत और पायलट के बीच चल रही खींचतान के चलते चुनाव से जुड़ी अन्य समितियां गठित नहीं हो पा रही हैं। कुमारी शैलजा की अध्यक्षता में स्क्री¨नग कमेटी बनाते वक्त प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने जुलाई के अंत तक चुनाव से जुड़ी विभिन्न समितियां बनाने की बात कही थी।

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, गहलोत और पायलट चुनाव समिति और चुनाव अभियान समिति में अपने-अपने समर्थकों को शामिल करवाना चाहते हैं, जिससे कि अपनी पसंद के नेताओं को टिकट दिलवाने में मदद मिल सके। इसी को लेकर गहलोत और पायलट समर्थक लॉ¨बग में जुटे हैं। अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के विदेश यात्रा से लौटने के बाद ही समितियां बनाए जाने को लेकर निर्णय हो सकेगा।

इन समितियों का होना है गठन
चुनाव समिति, चुनाव अभियान समिति, चुनाव संचालन समिति, चुनाव घोषणा पत्र समिति, अनुशासन समिति व चुनाव समन्वय समिति का गठन होना है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, डॉ. सीपी जोशी को राष्ट्रीय महासचिव पद से हटाए जाते समय प्रदेश चुनाव समन्वय समिति का प्रमुख बनाए जाने का आश्वासन दिया गया था । पिछले दिनों जोशी के साथ पायलट, गहलोत और अविनाश पांडे की हुई मुलाकातों से यह माना जा रहा है कि उन्हें समन्वय समिति का प्रमुख बनाया जाना तय है। इन समितियों में जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर ही नेताओं की नियुक्तियां होंगी।

जानकारी के अनुसार पूर्व केंद्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा, डॉ.गिरिजा व्यास, पूर्व राज्यसभा सदस्य अश्क अली टांक, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत, राज्य सरकार में पूर्व मंत्री महेन्द्रजीत मालवीय और दुर्रू मिंया को इन समितियों में स्थान मिल सकता है ।

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