Lok Sabha Election 2019: अनिल के लिए मुसीबत बनेगा आश्रय को आशीर्वाद

Lok Sabha Election 2019अनिल शर्मा पर पार्टी ने निगरानी बिठा दी है। भाजपा अनिल पर कार्रवाई करने के लिए पुख्ता दस्तावेज व प्रमाण जुटा रही है।

By BabitaEdited By: Publish:Mon, 15 Apr 2019 02:21 PM (IST) Updated:Mon, 15 Apr 2019 02:21 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: अनिल के लिए मुसीबत बनेगा आश्रय को आशीर्वाद
Lok Sabha Election 2019: अनिल के लिए मुसीबत बनेगा आश्रय को आशीर्वाद

शिमला, राज्य ब्यूरो। मंत्री पद छोड़ने के बाद भाजपा चाहती है कि अनिल शर्मा स्वयं विधायक पद से इस्तीफा देकर किनारा कर लें। इसके साथ मंडी में स्वेच्छा से नजरबंद हुए अनिल पर पार्टी ने निगरानी बिठा दी है। भाजपा अनिल पर कार्रवाई करने के लिए पुख्ता दस्तावेजी प्रमाण जुटा रही है। कुछ ठोस प्रमाण प्रदेश भाजपा के हाथ में हैं भी। पार्टी दिल्ली तक माहिर कानूनविदों से मामले में राय ले रही है। अनिल सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि टिकट मांगना सबका अधिकार है। उन्होंने इसी तरह की बातें की हैं जो विधानसभा सदस्यता जाने के लिए काफी होंगी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ रहे आश्रय शर्मा को उनका आशीर्वाद है और राजनीति में नाम कमाए

 विधानसभा सचिवालय को अभी तक इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।

- यशपाल शर्मा, सचिव विधानसभा।

पार्टी के लिए काम न करना अनुशासनहीनता है। हम चाहते हैं कि अनिल शर्मा स्वयं ही विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दें। 

- चंद्रमोहन ठाकुर, भाजपा महामंत्री।

दलबदल कानून से बचना मुश्किल

अनिल के लिए दलबदल कानून से बचना मुश्किल होगा। प्रदेश भाजपा की ओर से की जाने वाली एक शिकायत पर उनकी विधानसभा सदस्यता रद हो सकती है। वह भाजपा विधायक दल की ओर से जारी

किसी व्हिप का उल्लंघन नहीं कर सकते हैं।  

सरकारी कोठी में बैठकर बयान दिए

सरकारी कोठी में बैठकर अनिल शर्मा ने खुलकर बयानबाजी की। उसकी वीडियो व ऑडियो रिकॉर्डिंग पार्टी के पास उपलब्ध है, जिसमें उन्होंने बेटे को खुला आशीर्वाद दिया है।  उन्होंने यहां तक कहा था, मैं उसके साथ नहीं खड़ा होऊंगा तो कौन खड़ा होगा।’ उन्होंने मंडी में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने से साफ तौर पर इन्कार कर कहा है कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह घर में बैठे रहेंगे, मगर चुनाव प्रचार नहीं करेंगे।

इन्कार नहीं कर सकते अनिल शर्मा भाजपा प्रत्याशी के नामांकन दाखिल करने के दौरान अनिवार्य रूप से हाजिर रहना पड़ेगा। भाजपा की ओर से जारी कोई भी आदेश-निर्देश मानने से इन्कार नहीं कर सकते। भाजपा विधायक रहते हुए प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करना पड़ेगा। चुनाव प्रचार, रैलियों व बैठकों में शामिल होने की छूट नहीं मिल सकती।

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