35 मिनट में नमो ने कांग्रेस को किया असहज, करप्शन और ढकोसलापत्र पर निशाना

उत्तराखंड के परिवेश के मुताबिक प्रधानमंत्री के संबोधन में राष्ट्रवाद पर काफी कुछ था तो भ्रष्टाचार पर भी उन्होंने कांग्रेस को कतई नहीं बख्शा।

By Edited By: Publish:Sat, 06 Apr 2019 03:01 AM (IST) Updated:Sat, 06 Apr 2019 09:35 AM (IST)
35 मिनट में नमो ने कांग्रेस को किया असहज, करप्शन और ढकोसलापत्र पर निशाना
35 मिनट में नमो ने कांग्रेस को किया असहज, करप्शन और ढकोसलापत्र पर निशाना

देहरादून, विकास धूलिया। चुनाव घोषणापत्र में आर्मड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (अफस्पा) और देशद्रोह कानून पर लिए गए स्टैंड को लेकर उत्तराखंड में असहज नजर आ रही कांग्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दून की चुनावी रैली में जमकर निशाने पर लिया। 

उत्तराखंड के परिवेश के मुताबिक प्रधानमंत्री के संबोधन में राष्ट्रवाद पर काफी कुछ था, तो भ्रष्टाचार पर भी उन्होंने कांग्रेस को कतई नहीं बख्शा। यही नहीं, भाजपा को मध्यम वर्ग की सच्ची हितैषी साबित करते हुए उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस को ही कठघरे में ला खड़ा किया। 

भ्रष्टाचार और कांग्रेस की जुगलबंदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में अमरोहा और सहारनपुर के बाद देहरादून में चुनावी रैली को संबोधित किया। देहरादून की रैली इस मायने में अलग कही जा सकती है कि यहां उन्होंने अगस्ता वेस्टलैंड डील मामले में कांग्रेस को सीधे निशाने पर ले लिया। शायद यह देवभूमि उत्तराखंड के परिवेश का ही असर रहा कि उनका लगभग 35 मिनट का संबोधन राष्ट्रवाद पर केंद्रित रहा तो विपक्ष पर भी उन्होंने तीखे हमले बोले। 

कांग्रेस और करप्शन में जुगलबंदी का तंज कसकर भ्रष्टाचार पर भी उन्होंने खासे तल्ख तेवर दिखाए। अहमद पटेल का नाम लेते हुए उन्होंने सीधे उपस्थित जनसमूह से ही सवाल कर दिया, 'बताइए, एपी किस परिवार के नजदीकी हैं।' घोषणापत्र पर कठघरे में कांग्रेस कांग्रेस द्वारा हाल में जारी किया गया चुनाव घोषणापत्र उसके लिए परेशानी का सबब बनता दिखाई दे रहा है। 

खासकर, सैनिक बहुल उत्तराखंड में अफस्पा और देशद्रोह कानून पर पार्टी के स्टैंड को लेकर खुद को बैकफुट पर पा रही कांग्रेस को प्रधानमंत्री मोदी ने दून में जमकर फटकारा। अफस्पा में संशोधन पर उन्होने कहा, 'अगर सेना के जवानों को कानूनी सुरक्षा कवच नहीं दोगे तो कौन मां अपने बेटे को देश की रक्षा के लिए भेजेगी।' 

यही नहीं, नमो आगे बोले, भ्रष्टाचार के साथ कांग्रेस ने देशद्रोहियों का साथ देने का भी अभियान छेड़ रखा है। ढकोसला पत्र पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि कांग्रेस आतंकवादियों, पत्थरबाजों का साथ दे रही है। हमारे सुरक्षा बलों से सुरक्षा कवच हटाने का वादा कांग्रेस ने इसमें किया है। वोट पाने के लिए ये पाप कर रहे हैं, लानत है ऐसी राजनीति पर। 

गौरतलब है कि उत्तराखंड कांग्रेस ने स्वयं को असहज हालात में पाते हुए अब तक भी पार्टी के घोषणापत्र को सूबे में जारी नहीं किया है। इसके लिए तय कार्यक्रम को ऐन मौके पर टाल दिया गया लेकिन दून में नमो ने कांग्रेस को इस मुद्दे पर कठघरे में खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 

शहीदों के परिजनों को दिया विश्वास 

गत 28 मार्च की रुद्रपुर रैली की तरह प्रधानमंत्री ने देहरादून में तो सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया, लेकिन कुछ हफ्ते पहले पुलवामा आतंकी हमले और उसके बाद जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए उत्तराखंड के अधिकारियों का नाम लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में शहीदों को याद किया। 

उन्होने कहा कि वह शहीद मोहन लाल रतूड़ी, शहीद नरेंद्र सिंह राणा, शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट और शहीद विभूति ढौंडियाल समेत देश के हर शहीद के परिजनों को विश्वास दिलाते हैं देश के टुकड़े करने वालों के सामने चौकीदार दीवार बनकर खड़ा है। 

वन रैंक, वन पेंशन में देरी पर सवाल 

उत्तराखंड सैन्य बहुल प्रदेश है। यहां हर परिवार का कोई न कोई सदस्य सेना में है या रहा है। यही वजह है कि सेना से सूबे के अवाम का खास लगाव है। राज्य में 2.20 लाख से अधिक पूर्व सैनिक, वीर नारियां और सर्विस मतदाता हैं। एक परिवार में चार मतदाता भी माने जाएं तो यह संख्या सीधे लगभग नौ लाख बैठती है, जो राज्य की कुल मतदाता संख्या के 12 प्रतिशत के आसपास है। 

पूर्व सैनिकों और इनके परिवारों का मत व्यवहार स्वाभाविक रूप से राष्ट्रीय मुद्दों से प्रभावित होता है। इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने दून रैली में वन रैंक, वन पेंशन के सवाल पर भी कांग्रेस को आड़े हाथ लिया। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा वन रैंक, वन पेंशन को स्वीकृत करने का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने इस मसले पर 40 साल तक कुछ नहीं किया। 

मध्यम वर्ग को नमो ने सराहा 

उत्तराखंड की आर्थिकी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में समाज के मध्यम वर्ग के प्रति कांग्रेस की नीतियों और केंद्र की भाजपानीत राजग सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख भी किया। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'मध्यम वर्ग पर टैक्स लगाना व टैक्स बढ़ाना उनकी सोच है। ये ईमानदार मध्यम वर्ग को कुचलना चाहते हैं।' 

उन्होंने सवाल किया, 'क्या मध्यम वर्ग को खत्म कर देश चलाया जा सकता है। मध्यम वर्ग कानून को मानता है और ईमानदारी से सरकार को टैक्स देता है। कभी चोरी नहीं करता। इन ईमानदार करदाताओं की बदौलत ही तमाम योजनाएं चल रही हैं।' 

उन्होंने कहा कि जनता के विश्वास की बदौलत ही हम सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछले लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने में सफल हो पाए। कांग्रेस तो अपने ढकोसला पत्रों से इसे बाहर निकालने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रही थी।

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