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लवली के इस्तीफे के बाद डैमेज कंट्रोल करने में जुटी कांग्रेस, अब इन्हें दिल्ली की कमान दे सकती है पार्टी

Delhi Congress अरविंदर सिंह लवली के दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद पार्टी डैमेज कंट्रोल करने में जुटी गई है। कांग्रेस शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री रह चुके वरिष्ठ पार्टी नेता डॉ. नरेन्द्र नाथ को दिल्ली कांग्रेस का कार्यवाहक अध्यक्ष बना सकती है। पार्टी सूत्रों की मानें तो शाम तक उनके नाम की घोषणा हो सकती है।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Published: Mon, 29 Apr 2024 04:50 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2024 04:50 PM (IST)
लवली के इस्तीफे के बाद डैमेज कंट्रोल करने में जुटी कांग्रेस, अब इन्हें दिल्ली की कमान दे सकती है पार्टी

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। अरविंदर सिंह लवली के दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद पार्टी डैमेज कंट्रोल करने में जुटी गई है। कांग्रेस शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री रह चुके वरिष्ठ पार्टी नेता डॉ. नरेन्द्र नाथ को दिल्ली कांग्रेस का कार्यवाहक अध्यक्ष बना सकती है। पार्टी सूत्रों की मानें तो शाम तक उनके नाम की घोषणा हो सकती है।

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अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के बाद उन्होंने अपने आवास पर प्रेसवार्ता में कहा कि मैंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है, पार्टी नहीं छोड़ी है। मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच जाऊंगा। मेरे पत्र में मेरी पीड़ा थी, लेकिन पार्टी ने ध्यान नहीं दिया। मैं अभी किसी पार्टी में नहीं जा रहा हूं, जल्द ही विस्तार से बात करूंगा।

खरगे को भेजा चार पेज का पत्र

इस्तीफे की मुख्य वजह उन्होंने प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया की अनावश्यक दखलंदाजी, प्रदेश इकाई की अनदेखी कर आप से किए गए गठबंधन एवं तीन में से दो सीटों पर बाहरी उम्मीदवारों को टिकट देना बताई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को चार पेज का पत्र भेजकर लवली ने 11 मुददों पर अपनी पीड़ा भी व्यक्त की।

गठबंधन की बैठकों में शामिल रहे लवली: बाबरिया

पार्टी के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में दिल्ली कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पूरी तरह से भरोसे में लिया गया था। खुद लवली इस संबंध में गठित समितियों और पैनल में शामिल थे। अगर उन्हें कोई आपत्ति थी तो वे वहीं पर उसे उठाते। उन्होंने इसे पार्टी से दूर जाने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल करने की बात कही। बाबरिया ने भाजपा की ओर से लवली पर किसी तरह के दबाव के भी संकेत दिए। हालांकि, उनका खुलासा नहीं किया।


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