Chunavi Kissa: बिना इंटरनेट और टीवी के ऐसे चुनाव परिणाम देखते थे लोग, दिल्ली के इन इलाकों में जुटती थी भीड़

Lok Sabha Election 2024 Special आज लोग चुनाव परिणामों की पल-पल की अपडेट इंटरनेट द्वारा अपने मोबाइल फोन पर ही सेकंडों में प्राप्त कर लेते हैं लेकिन जब इंटरनेट और टीवी नहीं हुआ करता था तब चुनावी नतीजों को देखने के लिए रोचक तरीके अपनाए जाते थे। दिल्ली में उस वक्त कुछ चुनिंदा जगहों पर ही परिणामों का प्रदर्शन होता था।

By Jagran NewsEdited By: Sachin Pandey Publish:Thu, 25 Apr 2024 01:58 PM (IST) Updated:Thu, 25 Apr 2024 01:58 PM (IST)
Chunavi Kissa: बिना इंटरनेट और टीवी के ऐसे चुनाव परिणाम देखते थे लोग, दिल्ली के इन इलाकों में जुटती थी भीड़
Lok Sabha Election: उस वक्त दिल्ली के चुनिंदा जगहों पर ही मतगणना बोर्ड लगाए जाते थे।

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। आज अगर आपको किसी भी चुनाव का परिणाम जानना है, तो आपके पास स्मार्टफोन है। एक टच पर देश-दुनिया की जानकारी एक सेकंड से भी कम समय में उपलब्ध है। ये आज का दौर है, लेकिन एक दौर वो भी था, जब लोकसभा चुनाव का परिणाम जानने के लिए लोग कई किलोमीटर का सफर तय कर लाल किले और आकाशवाणी पहुंचते थे।

यह लोकसभा चुनाव को लेकर उनकी उत्सुकता ही थी कि बैलगाड़ी और साइकिल से लंबा सफर तय करने में उन्हें कोई परेशानी नहीं थी। हम बात कर रहे हैं वर्ष 1971 के लोकसभा चुनाव की। जब लोकसभा चुनाव की मतगणना के दिन लाल किले और आकाशवाणी के भवन पर विशाल मतगणना बोर्ड लगाए जाते थे। जिस पर चुनाव लड़ रहे राजनीतिक दलों को मिले मतों की जानकारी अंकित की जाती थी।

घंटों खड़े रहते थे कार्यकर्ता

लोगों के साथ ही राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता इन मतगणना बोर्ड के सामने घंटों खड़े रहते थे। तब दिल्ली में विभन्न स्थानों पर आकाशवाणी की ओर से मतगणना बोर्ड लगवाए जाते थे। इनसे लोग देशभर के चुनाव परिणामों की पल-पल जानकारी लेते थे।

कर्मचारी किए जाते थे तैनात

लाल किले के बाहर लकड़ी का बना विशाल मतगणना बोर्ड लगवाया जाता था। इन मतगणना बोर्ड पर राजनीतिक दलों को मिली सीटें और प्रत्याशियों को मिले मतों की स्थिति अपडेट करने के लिए बकायदा कर्मचारी तैनात किए जाते थे। जो सीढ़ी के माध्यम से मतगणना बोर्ड तक पहुंचकर परिणाम की जानकारी अंकित करते थे।

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"पहले मतदान मतपत्र से होता था और मतगणना दो दिन तक चलती थी। मतगणना बोर्ड देखने के लिए लोग पुरानी दिल्ली और चांदनी चौक में अपने परिचित एवं रिश्तेदारों के घर आ जाते थे। राजनीतिक चर्चाएं होती थीं।"

- सुमन गुप्ता, निवासी चांदनी चौक

"आकाशवाणी भवन में भी मतगणना के परिणामों को बताने के लिए विशाल बोर्ड लगाया जाता था। आमजन के साथ ही नेता व कार्यकर्ता भी चुनाव का परिणाम जानने के लिए मौजूद रहे थे। कई बड़े नेता भी परिणाम जानने के लिए पहुंचते थे।

-गोपाल गर्ग, व्यापारी, क्लॉथ मार्केट चर्च मिशन रोड

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