'INDI गठबंधन के हित में बंगाल में कांग्रेस से नहीं किया समझौता', TMC सांसद ने राहुल-खरगे को लेकर किया बड़ा दावा
टीएमसी की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव ने कहा है कि पार्टी नेतृत्व ने आईएनडीआईए के हित को ध्यान में रखते हुए बंगाल में कांग्रेस के साथ समझौता नहीं किया। तृणमूल राज्य में 42 सीटों पर इसलिए अकेले चुनाव लड़ रही है ताकि भाजपा की जीत की संभावना कम हो सके। अगर बंगाल में कांग्रेस के लिए 15 सीटें छोड़ दी जातीं तो लगभग सभी पर उसे नुकसान होता।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। टीएमसी की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव ने कहा है कि पार्टी नेतृत्व ने आईएनडीआईए के हित को ध्यान में रखते हुए बंगाल में कांग्रेस के साथ समझौता नहीं किया। तृणमूल राज्य में 42 सीटों पर इसलिए अकेले चुनाव लड़ रही है, ताकि भाजपा की जीत की संभावना कम हो सके। अगर बंगाल में कांग्रेस के लिए 15 सीटें छोड़ दी जातीं तो लगभग सभी पर उसे नुकसान होता। इससे भाजपा की जीत संभावना प्रबल हो जाती। गठबंधन बंगाल से अधिक सीटें चाहता है और यह तभी संभव होता जब ममता अधिक सीटों पर चुनाव लड़तीं।
टीएमसी सांसद ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा राज्य में तृणमूल के साथ गठबंधन का समर्थन किया है। सीट समझौता टूटने के बाद भी कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व तृणमूल पर हमले की राह पर नहीं चला। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव में राज्य से सिर्फ इसलिए दूरी बनाए रखा है क्योंकि वे तृणमूल पर हमला नहीं करना चाहते हैं।
कांग्रेस की मुख्य दुश्मन भाजपा है, न की तृणमूल- देव
देव ने कहा कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है कि यह राज्य का वोट नहीं है। कांग्रेस की मुख्य दुश्मन भाजपा है, न कि तृणमूल। भाजपा को केंद्र की सत्ता से बाहर करने में तृणमूल के सहयोग से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि तृणमूल ने बार-बार स्पष्ट किया है कि भले ही राज्य में कांग्रेस के साथ उसका कोई समझौता नहीं हुआ है। लेकिन पार्टी आईएनडीआईए का हिस्सा है और रहेगी।
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