'जब 4 दिन में चुनी गई थी नई सरकार', दो दशक में दोगुनी हुई अवधि; जानिए पहली बार कितने दिन में हुआ था चुनाव

Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 7 चरणों में 44 दिन की अवधि तक मतदान प्रक्रिया चलेगी। देश में हुए पहले लोकसभा चुनाव के बाद यह दूसरा सबसे लंबा चुनाव होने जा रहा है। एक समय ऐसा भी आया जब महज 4 दिन में ही चुनावी प्रक्रिया संपन्न करा ली गई थी लेकिन बीते 2 दशकों में मतदान की अवधि दोगुनी से भी ज्यादा हो चली है।

By Jagran NewsEdited By: Sachin Pandey Publish:Fri, 22 Mar 2024 04:10 PM (IST) Updated:Fri, 22 Mar 2024 04:10 PM (IST)
'जब 4 दिन में चुनी गई थी नई सरकार', दो दशक में दोगुनी हुई अवधि; जानिए पहली बार कितने दिन में हुआ था चुनाव
Lok Sabha Election 2024: 1952 के बाद यह अब तक का सबसे लंबा चुनाव होने जा रहा है।

निखिल पाठक, पूर्वी दिल्ली। चुनाव आयोग की ओर से लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही महासमर 2024 के लिए शंखनाद हो गया है। 18वीं लोकसभा के गठन के लिए 7 चरणों में चुनाव होने हैं। जिसके तहत 19 अप्रैल को पहले चरण से शुरू होकर एक जून को सातवें चरण के मतदान के साथ 44 दिनों की अवधि में मतदान होगा।

चुनाव के शेड्यूल में जिस बात ने सब का ध्यान अपनी ओर खींचा, वह है मतदान की अवधि। गौरतलब है कि 1952 के बाद यह अब तक का सबसे लंबा चुनाव होने जा रहा है। इससे पहले 1951-52 में देश में जब पहली बार आम चुनाव कराए गए थे, तब 25 अक्टूबर 1951 से लेकर 21 फरवरी 1952 तक चार महीने मतदान प्रक्रिया चली थी।

उस वक्त पहला चुनाव होने की वजह से देश में लॉजिस्टिक्स की समस्या थी, साथ ही मौसम समेत कई अन्य चुनौतियां थीं, जिसके कारण मतदान इतना लंबा चला था। लेकिन बाद में यह प्रक्रिया छोटी होती चली गई। 1980 में तो महज 4 दिन में चुनाव संपन्न करा लिया गया था।

दो दशकों में बढ़ी अवधि

पहले चुनाव के बाद लगभग सभी चुनाव कम अवधि में होते रहे हैं। लेकिन बीते दो दशक में इसमें काफी वृद्धि देखी गई है। 2004 से लेकर अब तक चुनाव की अवधि दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। 2004 में 21 दिन में चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराई गई थी। इसके बाद साल 2009 में 28 दिन यह प्रक्रिया चली थी।

चुनाव से जुड़ी और हर छोटी-बड़ी अपडेट के लिए यहां क्लिक करें

वहीं, 2014 में 36 दिन, तो 2019 में 44 दिन तक मतदान प्रक्रिया आयोजित की गई थी। इस बार अवधि बढ़कर 44 दिन पहुंच गई है, जिसकी वजह से यह 1952 के बाद अब तक का सबसे लंबा चुनाव बन गया है। चुनाव की लंबी अवधि के लिए आयोग ने कई वजहें बताई हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि क्षेत्रों तथा सार्वजनिक अवकाश, त्योहारों एवं परीक्षाओं को ध्यान में रखकर शेड्यूल तैयार किया गया है।

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: चुनाव में न हो धांधली, आप रख सकते हैं नेताओं और अधिकारियों पर नजर, गड़बड़ी दिखने पर ऐसे दर्ज कराएं शिकायत

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: रोजगार बनेगा बड़ा चुनावी हथियार! कांग्रेस को पांच गारंटियों से आस; तो बीजेपी भी मुद्दा भुनाने को तैयार

chat bot
आपका साथी