ममता बनर्जी द्वारा स्थापित देश की चौथी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी है 'तृणमूल कांग्रेस'

26 वर्ष कांग्रेस से जुड़ी रहने के बाद ममता बनर्जी ने बंगाल में अपनी नई पार्टी तृणमूल कांग्रेस बनाई। शुरु में ममता की प्रमुख लड़ाई वाम दलों से थी। अब भाजपा से चुनौती मिल रही है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 05 Apr 2019 09:16 AM (IST) Updated:Fri, 05 Apr 2019 09:16 AM (IST)
ममता बनर्जी द्वारा स्थापित देश की चौथी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी है 'तृणमूल कांग्रेस'
ममता बनर्जी द्वारा स्थापित देश की चौथी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी है 'तृणमूल कांग्रेस'

अंकुर अग्निहोत्री। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भारत में एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी है। 26 वर्षों तक कांग्रेस का सदस्य होने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर इस पार्टी की स्थापना की थी। दिसंबर 1999, के मध्य में चुनाव आयोग ने इसे पार्टी के रूप में पंजीकृत किया गया था और 2 सितंबर 2016 को टीएमसी को एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता दी। वर्तमान में लोकसभा में 36 सीटों के साथ यह चौथी सबसे बड़ी पार्टी है।

गठन

अप्रैल 1996-97 में उन्होंने कांग्रेस पर बंगाल में सीपीएम की कठपुतली होने का आरोप लगाया और 1997 में कांग्रेस से अलग हो गईं। इसके अगले ही साल एक जनवरी 1998 को उन्होंने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस बनाई। वह पार्टी की अध्यक्ष बनीं। 1998 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने 8 सीटों पर कब्जा किया।

नंदीग्राम आंदोलन

दिसंबर 2006 में, हल्दीया डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा नंदीग्राम के लोगों को नोटिस दिया गया था कि नंदीग्राम के बड़े हिस्से को जब्त कर लिया जाएगा और 70,000 लोगों को उनके घरों से निकाल दिया जाएगा। लोगों ने इस भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन शुरू किया और तृणमूल कांग्रेस ने आंदोलन का नेतृत्व किया।

वामपंथ का किया सफाया

साल 2011 में टीएमसी ने विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की। ममता राज्य की मुख्यमंत्री बनीं और 34 वर्षों तक प.बंगाल की सत्ता पर काबिज वामपंथी मोर्चे का सफाया हो गया। टीएमसी ने राज्य विधानसभा की 294 सीटों में से 184 पर कब्जा किया।

तेजी से होता विस्तार

त्रिपुरा, असम, मणिपुर, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल, सिक्किम, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश में पार्टी ने अपना आधार तेजी से बढ़ाया है। केरल में, पार्टी ने 2014 के आम चुनावों में पांच सीटों पर चुनाव लड़ा था।

राजनीतिक नारा

मां, माटी, मानुष टीएमसी का राजनीतिक नारा है, जिसे पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा गढ़ा गया था। 2011 के विधानसभा चुनाव के समय यह नारा पश्चिम बंगाल में बहुत लोकप्रिय हुआ। बाद में, ममता बनर्जी ने उसी शीर्षक के साथ एक बंगाली पुस्तक लिखी। जून 2011 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, यह उस समय भारत के सबसे लोकप्रिय राजनीतिक नारों में से एक था।

विवाद

चिट फंड घोटाला, सीबीआइ पर रोक और एनआरसी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर पार्टी की देश भर में आलोचना हो चुकी है। 

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