भाजपा के लिए ताजी हवा का झोंका हैं 28 वर्षीय युवा वकील एवं प्रखर वक्ता 'सूर्या'

तेजस्वी सूर्या 2014 के लोकसभा चुनाव से ही पार्टी के आइटी सेल में काम करते आ रहे हैं। भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश इकाई के महासचिव हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 17 Apr 2019 09:53 AM (IST) Updated:Wed, 17 Apr 2019 02:24 PM (IST)
भाजपा के लिए ताजी हवा का झोंका हैं 28 वर्षीय युवा वकील एवं प्रखर वक्ता 'सूर्या'
भाजपा के लिए ताजी हवा का झोंका हैं 28 वर्षीय युवा वकील एवं प्रखर वक्ता 'सूर्या'

ओमप्रकाश तिवारी, बेंगलुरु। दक्षिण बेंगलुरु से लोकसभा के लिए भाजपा के उम्मीदवार तेजस्वी सूर्या न सिर्फ बेंगलुरु बल्कि पूरे दक्षिण भारत के लिए भाजपा में ताजी हवा का झोंका साबित हो सकते हैं। दक्षिण बेंगलुरु लोकसभा सीट 1991 से भाजपा का गढ़ रही है। 1996 से इस सीट का प्रतिनिधित्व करते आ रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता अनंतकुमार के कुछ माह पहले निधन से भाजपा को तगड़ा झटका लगा था। अनंत के निधन के बाद से ही माना जा रहा था कि इस सीट से पार्टी उनकी पत्नी तेजस्विनी को टिकट देगी। लेकिन इस सीट के लिए पर्चा भरने की आखिरी तारीख को जो नाम घोषित हुआ, उसे सुनकर सब आश्चर्यचकित रह गए।

यह नाम है 28 वर्षीय युवा वकील एवं प्रखर वक्ता तेजस्वी सूर्या का। तेजस्वी 2014 के लोकसभा चुनाव से ही पार्टी के आइटी सेल में काम करते आ रहे हैं। भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश इकाई के महासचिव हैं। पार्टी प्रवक्ता हैं। साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पार्टी का पक्ष रखने में माहिर माने जाते हैं। जब उनके नाम की घोषणा हुई तो उन्हें भी एकबारगी भरोसा नहीं हुआ। वह ट्विटर पर ईश्वर का नाम लेकर अचरज जताते दिखाई दिए। दूसरी ओर उनका नाम घोषित होने के बाद तेजस्विनी अनंतकुमार के समर्थकों में नाराजगी भी दिखी।

ये भी पढ़ें- Loksabha Election 2019 : मोदी का प्रचार करने अमेरिका से आईं मंजरी ने कहा, एयर स्ट्राइक ने बदली भारत की छवि

चूंकि यह फैसला सीधे दिल्ली से किया गया था, इसलिए सारे विरोध जल्दी ही ठंडे पड़ गए। दो अप्रैल को पार्टी प्रमुख अमित शाह ने जब शहर के बनशंकरी मंदिर से तेजस्वी के समर्थन में रोड शो का आयोजन किया तो स्वयं तेजस्विनी अनंतकुमार सहित क्षेत्र के वे तीनों विधायक भी मौजूद थे, जो तेजस्वी के पर्चा भरते समय उनके साथ नहीं गए थे। पार्टी ने तेजस्विनी को भी प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी देकर उनका सम्मान बरकरार रखा।

पार्टी से जुड़े लोगों का कहना है कि तेजस्वी का चयन बहुत सोच समझकर भविष्य की राजनीति को ध्यान रखते हुए किया गया है। दक्षिण भारत में भाजपा के पास वैसे भी नेताओं का सूखा रहा है। कर्नाटक में भी पार्टी के पास येदियुरप्पा के रूप में लिंगायत नेता तो जरूर है, लेकिन देवेगौड़ा की टक्कर का कोई वोक्कालिगा नेता वह आज तक तैयार नहीं कर पाई है। पूरे दक्षिण भारत पर प्रभाव रखनेवाला कोई नेता तो भाजपा के पास वैसे भी नहीं है। तेजस्वी युवा हैं। अंग्रेजी और कन्नड़ के अच्छे वक्ता हैं।

देश का साइबर कैपिटल कहे जानेवाले बेंगलुरु में युवाओं को आकर्षित करने के लिए ऐसे ही किसी व्यक्ति की जरूरत थी। तेजस्विनी अनंतकुमार सहानुभूति लहर में कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद को हराकरयह चुनाव तो जीत सकती थीं। लेकिन भविष्य के लिए एक नेता तैयार करने का पार्टी का मिशन अधूरा रह जाता। भाजपा में इस तरह के प्रयोग पहले भी होते रहे हैं। 2014 में पत्रकार प्रकाश सिंहा को मैसूर से इसी प्रकार अचानक टिकट देकर राजनीति में लाया गया था। वह वोक्कालिगा समुदाय से हैं और संघ से भी जुड़े रहे हैं। तेजस्वी सूर्या भी संघ की पसंद बताए जा रहे हैं। पार्टी उनके वक्तव्य कौशल का उपयोग कर्नाटक के अलावा भी युवाओं के बीच कर सकती है। वह मुद्दों की समझ रखते हैं।

चुनाव की विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें

2 रुपये में VVPAT बताएगा आपने किसे दिया वोट? लेकिन इस गलती पर होगी 6 महीने जेल

दिल्ली में बड़े खेल की तैयारी में कांग्रेस, देश के इस नामी पहलवान व बॉक्सर पर है नजर

chat bot
आपका साथी