दिल्ली में सेवानिवृत आइआरएस अधिकारी ने 20 जरूरतमंद बच्चों को ‌वितरित किए टैब

स्कूल के प्रधानाचार्य एलके दुबे ने बताया कि 80 वर्षीय सतीश चंद्र मिश्रा स्कूल के पास ही रहते हैं। कुछ दिन पहले उनकी पोती अनुष्ना झा स्कूल आई थीं और उन्होंने ऐसे बच्चों की जानकारी मांगी जो संसाधन की कमी के चलते ऑनलाइन शिक्षण से वंचित हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 22 Nov 2020 05:58 PM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2020 05:58 PM (IST)
दिल्ली में सेवानिवृत आइआरएस अधिकारी ने 20 जरूरतमंद बच्चों को ‌वितरित किए टैब
सेवानिवृत आइआरइस अधिकारी सतीश चंद्र मिश्राः जागरण

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वेस्ट विनोद नगर स्थित राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय में सेवानिवृत आइआरइस अधिकारी सतीश चंद्र मिश्रा ने 20 जरूरतमंद बच्चों को टैब वितरित किए। यह स्कूल दिल्ली सरकार का पायलेट प्रोजेक्ट स्कूल है, जिसे बेहतर पढ़ाई के लिए जाना जाता है। वहीं, उप मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे गोद भी लिया हुआ है।

स्कूल के प्रधानाचार्य एलके दुबे ने बताया कि 80 वर्षीय सतीश चंद्र मिश्रा स्कूल के पास ही रहते हैं। कुछ दिन पहले उनकी पोती अनुष्ना झा स्कूल आई थीं और उन्होंने ऐसे बच्चों की जानकारी मांगी जो संसाधन की कमी के चलते ऑनलाइन शिक्षण से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि उनके नाना जरूरतमंद बच्चों को टैब देकर उनकी ऑनलाइन पढ़ाई में मदद करना चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने स्कूल प्रबंधन समिति व शिक्षकों को यह जिम्मेदारी दी कि वह उन बच्चों की सूची बनाएं, जो ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं।

एलके दुबे ने बताया कि यह बच्चे अब तक स्कूल आकर प्रिंट फॉर्म में पढ़ाई सामग्री ले जाते थे जिसमें उन्हें काफी परेशानी हो रही थी। लेकिन अब बच्चों को पढ़ाई में काफी सुविधा मिलेगी। इस मौके पर ज्योत्सना मिश्रा, नीना झा, शिक्षा मंत्री के निजी सचिव देवेंद्र शर्मा, वीके शर्मा, एसडी शर्मा, सतेंदर पाल मलिक, वीरेश कुमार सिंह, आदित्य, संजय तिवारी व स्कूल प्रबंधन समिति के सभी सदस्य मौजूद रहे। 

दिल्ली में लंबे समय से बंद हैं स्कूल

बता दें कि दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने की वजह से सभी स्कूल बंद हैं। ऐसे में बच्चों ऑनलाइन के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। लेकिन कुछ बच्चे ऐसे हैं जिनसे पास ऑनलाइन शिक्षा के लिए कोई सुविधा नही है। ऐसे में सामाजिक संगठनों से जुड़े कुछ लोग गरीब परिवार के बच्चों की मदद कर रहे हैं। कोई मोबाइल दे रहा है तो कोई टैब या फिर लैपटॉप। ताकि बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न पहुंचे। 

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