Red Fort Violence: सीसीटीवी से पकड़े जाएंगे उपद्रवी, बच नहीं पाएगा लाल किले में हिंसा करने वाला एक भी शख्स

Red Fort Violence उपद्रव के दौरान उपद्रवियों ने लाल किला को क्षति पहुंचाई और जवानों पर जानलेवा हमला भी किया लेकिन कैमरे के कंट्रोल रूम को दिल्ली पुलिस व पैरा मिलिट्री की महिला पुलिसकर्मियों ने बचा लिया था।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 11:33 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 11:33 AM (IST)
Red Fort Violence: सीसीटीवी से पकड़े जाएंगे उपद्रवी, बच नहीं पाएगा लाल किले में हिंसा करने वाला एक भी शख्स
उपद्रवियों ने लाल किले को क्षति पहुंचाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी।

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। लाल किले की प्राचीर की शान पर धब्बा लगाने वाला एक भी शख्स दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से बच नहीं पाएगा। किसान आंदोलन की आड़ में लाल किले में उपद्रव करने वाले सभी उपद्रवियों व उनके वाहनों की तस्वीरें लाल किले के अंदर व बाहर चारों तरफ की सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी है। गणतंत्र दिवस समारोह के कारण लाल किले के अंदर व बाहर 125 एचडी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। उपद्रव के दौरान उपद्रवियों ने लाल किला को क्षति पहुंचाई, पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की, उनपर ट्रैक्टर चढाने की कोशिश की व पुलिस चौकी में तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया लेकिन कैमरे के कंट्रोल रूम को दिल्ली पुलिस व पैरा मिलिट्री की महिला पुलिसकर्मियों ने बचा लिया था। उपद्रव के सभी फुटेज सुरक्षित बच गए, जो उपद्रवियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में मुकदमे में महत्व भूमिका निभाएंगे।

सीसीटीवी फुटेज से पकड़े जाएंगे आरोपित

फुटेज अदालत में बड़ा सबूत माना जाएगा। इससे उवद्रवियों की पहचान करने में आसानी होगी। अभी कोतवाली थाने के थानाध्यक्ष ऋतुराज की शिकायत पर लाल किले में उपद्रव करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ करीब 12 धाराओं के तहत एक मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमे में किसी को नामजद नहीं किया गया है। पुलिस भारतीय पूरातत्व सर्वेक्षण की शिकायत पर दूसरी एफआइआर भी दर्ज करेगी, क्योंकि उपद्रवियों ने लाल किले को क्षति पहुंचाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी।

गणतंत्र दिवस पर चौकसी बरतने के लिए लाल किले के चारों तरफ 125 कैमरे लगाए गए थे। लाल किला के अंदर बने पुलिस चौकी में कैमरों का कंट्रोल रूम बनाया गया था। मंगलवार को राजपथ से झाकियां लाल किले में आ ही रही थी कि दोपहर 11. 30 बजे पुलिस को सूचना मिली कि उपद्रवी आइटीओ व रिंग रोड होते हुए लाल किले की तरफ कूच कर गए हैं। आनन फानन में पुलिसकर्मियों ने शांति वन के पास सड़क पर सीमेंट के बेरीकेड लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की। पहले उपद्रवियों की संख्या कम थी तब पुलिसकर्मी उन्हें वहीं रोके रहे। बाद में उपद्रवियों की संख्या बढने पर ट्रैक्टर से टक्कर मारकर जैसे ही एक बैरीकेड हटा बाइक से उपद्रवी अंदर घुस गए। बाद में ट्रैक्टर लेकर उपद्रवी लाल किले की तरफ चल पड़े। चांदनी चौक के सामने स्थित लाल किले का मुख्य प्रवेश द्वार उस दौरान झांकियां आने के कारण खुला हुआ था। उपद्रवी उस रास्ते से अंदर घुस गए और उत्पात मचाना शुरू कर दिया। उक्त जत्था गाजीपुर का था। जिन्होंने सबसे अधिक उत्पात मचाया। बाद में लाहौरी गेट की तरफ से सिंघू बॉर्डर से आए उपद्रवी भी आ पहुंचे। हजारों की संख्या में उपद्रवियों के पहुंचने पर लाल किले के अंदर तोड़फोड़ व पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट शुरू कर दी गई। लाल किले के अंदर जाने वाला प्रवेश द्वार भी उस दौरान झांकियों के कलाकरों के आने जाने के लिए खुला हुआ था। जिससे उपद्रवी अंदर घुस गए और गुंबद पर चढ़कर केसरिया झंडा पहला देश को कलंकित करने का जुर्म किया।

महिला पुलिसकर्मियों ने छिपकर बचाई जान 

उपद्रवियों ने जब उत्पात मचाना शुरू किया तब दिल्ली पुलिस व सीआइएसएफ की महिला कर्मी जान बचाने के लिए चौकी परिसर में बने सीसीटीवी के कंट्रोल रूम में घुस गई और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। दरबाजे के पीछे उन्होंने मजबूत सोफे को लगा दिया और अंदर की बिजली बंद कर दी। उपद्रवी वहां तक पहुंचे लेकिन अंधेरा देखकर वापस लौट गए।

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