जानिये- क्यों क्लास में सबसे पीछे वाली सीट पर बैठेंगे प्रिंसिपल सर!

शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि प्रधानाचार्य या स्कूल प्रमुख के तौर पर काम कर रहे उपप्रधानाचार्य उच्च कक्षाओं में अपना ध्यान केंद्रित करें और प्रत्येक सप्ताह चार कक्षाओं की निगरानी करें।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 20 Aug 2018 02:35 PM (IST) Updated:Mon, 20 Aug 2018 03:14 PM (IST)
जानिये- क्यों क्लास में सबसे पीछे वाली सीट पर बैठेंगे प्रिंसिपल सर!
जानिये- क्यों क्लास में सबसे पीछे वाली सीट पर बैठेंगे प्रिंसिपल सर!

नई दिल्ली (मनोज भट्ट)। शिक्षा निदेशालय ने बोर्ड परीक्षाओं में सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम बेहतर करने की शुरू कर दी है। इसके लिए सरकारी स्कूलों में अब प्रधानाचार्य व उप प्रधानाचार्य कक्षाओं की पिछली बेंच पर बैठकर पढ़ाई की निगरानी करेंगे। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय द्वारा सभी प्रधानाचार्यों व उपप्रधानाचार्यों को निर्देश जारी कर दिया गया है। 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं में पढ़ाई की निगरानी की जाएगी।

शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि प्रधानाचार्य या स्कूल प्रमुख के तौर पर काम कर रहे उपप्रधानाचार्य उच्च कक्षाओं में अपना ध्यान केंद्रित करें और प्रत्येक सप्ताह चार कक्षाओं की निगरानी करें। जो उपप्रधानाचार्य स्कूल प्रमुख के तौर पर काम नहीं कर रहे हैं, वो 9वीं और 10वीं कक्षा में पढ़ाई की निगरानी करेंगे।

इसके बाद इस संबंध में ऑनलाइन फीडबैक निदेशालय को भेजा जाए। शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि प्रधानाचार्य और उपप्रधानाचार्य निगरानी के लिए कक्षाओं का चयन बिना बताएं औचक करें।

इस दौरान आदर्श स्थिति यह होनी चाहिए कि वे पढ़ाते समय शिक्षक को बाधित न करें। साथ ही वे देखें कि पढ़ाते समय शिक्षक की आवाज कक्षाओं में सभी विद्यार्थियों तक पहुंच पा रही है या नहीं, शिक्षक ब्लैक बोर्ड पर जो लिख रहे हैं वो विद्यार्थियों को समझ में आ रहा है या नहीं।

शिक्षा निदेशालय ने कक्षा पूरी होने के बाद प्रधानाचार्य व उपप्रधानाचार्य को शिक्षक की मौजूदगी में विद्यार्थियों से संवाद कर अध्ययन का परिणाम भी जानने की सलाह दी है।

chat bot
आपका साथी