Delhi Ganpati Visarjan: एक लाख जुर्माना, फिर भी यमुना में हो रहा गणपति विसर्जन
Delhi Ganpati Visarjan कोराेकाल से पहले लोग धूमधाम से गणपति बप्पा को विदाई देते थे लेकिन इस बार ऐसा देखने को नहीं मिल रहा।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। कोराेनाकाल में यमुना में विसर्जन करने वालों के खिलाफ दिल्ली सरकार ने एक लाख तक के जुर्माने का प्रावधान किया हुआ है। भारी भरकम जुर्माने और पांच वर्ष की जेल की सजा से बेखबर होकर बहुत से लोग चोरी छिपे यमुना में गणपति विसर्जन कर रहे हैं। हालांकि मूर्तियों की ऊंचाई अधिक नहीं है। यमुना के किनारों पर न तो पुलिस का पहरा है और न ही सिविल डिफेंस वालंटियर की तैनाती।
कोरोना के कारण सार्वजनिक स्थानों पर मूर्ति विसर्जन पर है प्रतिबंध
22 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना हुई थी। इस वर्ष कोरोना को देखते हुए सरकार ने यमुना, तालाब, स्थायी तालाब, झील व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर गणेश विसर्जन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया हुआ है। इस बार पंडाल भी नहीं लगे, लोगों ने घरों में ही मूर्ति स्थापना की हुई है। 24 अगस्त से लोगाें ने विसर्जन शुरू कर दिया है, विसर्जन को दौर एक सितंबर तक चलेगा।
कोरोना से पहले धूमधाम से होती थी बप्पा की विदाई
कोराेकाल से पहले लोग धूमधाम से गणपति बप्पा को विदाई देते थे, लेकिन इस बार ऐसा देखने को नहीं मिल रहा। बहुत से लोग दो पहिया वाहनों पर मूर्ति को रखकर पुराना लोहा पुल, किशन कुंज, मयूर विहार, सोनिया विहार में यमुना किनारे पहुंच रहे हैं, मौका मिलते ही मूर्ति विसर्जन कर रहे हैं। इतना ही नहीं बहुत से लोग यमुना पुल के ऊपर से मूर्तियों को यमुना में डाल रहे हैं। चोरी छिपे विसर्जन कर रहे लाेगों का कहना है कि वह कई वर्षों से यमुना में ही विसर्जन करते आएं हैं, इसलिए अभी भी कर रहे हैं।
पूर्वी जिले के जिलाधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि यमुना में कोई विसर्जन न करें, इस बाबत पुलिस को निर्देश दिए हुए हैं। पुलिस लगातार यमुना किनारों पर गश्त भी कर रही है। कोई भी विसर्जन करते हुए पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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