भारत को मिली बड़ी सफलता, अब जापानी बुखार से नहीं जाएगी बच्चों की जान

Encephalitis इन्सेफेलाइटिस को लेकर गुरुग्राम के मानेसर स्थित नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर में कई सालों से शोध चल रहा था जिसमें मिनोसाइक्लीन नामक दवा तैयारी की गई है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 11 Jun 2019 10:34 PM (IST) Updated:Wed, 12 Jun 2019 11:49 AM (IST)
भारत को मिली बड़ी सफलता, अब जापानी बुखार से नहीं जाएगी बच्चों की जान
भारत को मिली बड़ी सफलता, अब जापानी बुखार से नहीं जाएगी बच्चों की जान

गुरुग्राम (अनिल भारद्वाज)। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल एवं असम में इन्सेफेलाइटिस (जापानी बुखार) नामक बीमारी से होने वाली मौतों से अब बच्चों को बचाया जा सकेगा। दरअसल, इस बीमारी की दवा का शोध पूरा हो चुका है। इन्सेफेलाइटिस को लेकर गुरुग्राम के मानेसर स्थित नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर (एनबीआरसी) में कई सालों से शोध चल रहा था, जिसमें मिनोसाइक्लीन नामक दवा तैयारी की गई है। अब यह क्लीनिकल ट्रायल के दौर में प्रवेश कर गई है। अब तक जितने भी ट्रायल हुए हैं, उनके परिणाम काफी उत्साहित व प्रोत्साहित करने वाले हैं।

शोध का काम हुआ पूरा, क्‍लीनिकल ट्रायल
शोधकर्ता वैज्ञानिक डॉ. अनिर्बान बासु का कहना है कि शोध पूरा हो चुका है। क्लीनिकल ट्रायल के कई चरण होते हैं और अभी कुछ चरण बचे हुए हैं। डॉ. बासु ने कहा कि ट्रायल में जिस तरह की रिपोर्ट आ रही है, उससे कहा जा सकता है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। पूरी स्थिति कुछ बड़े क्लीनिकल ट्रायल के बाद साफ होगी। इस संबंध में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी सूचना भेजी गई है।

एक लाख से अधिक बच्चे हो चुके शिकार
वर्ष 1977 के दौरान इन्सेफेलाइटिस बीमारी (जिसे मस्तिष्क ज्वर भी कहा जाता है) सामने आई थी। तब से अब तक पूरे देश में एक लाख से अधिक बच्चे इसके शिकार हो चुके हैं। सबसे अधिक पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल एवं असम इलाके के बच्चे इसके शिकार हुए हैं। वर्ष 2017 के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश में 400 से अधिक बच्चों की इस बीमारी के कारण मौत हो गई थी।

कैसे और कौन आता है गिरफ्त में
यह बीमारी खासकर 15 साल तक के बच्चों में होती है। धान की फसल में जमा पानी में क्यूलेक्स नामक मच्छर पैदा होते हैं। उसी मच्छर काटने से बच्चों में तेज बुखार आता है। सिरदर्द, ऐंठन, उल्टी, चलने में परेशानी से लेकर बेहोशी इसके लक्षण होते हैं।

गंदगी वाली जगह फैलता है यह संक्रमण
इन्सेफेलाइटिस एक प्रकार का दिमागी बुखार है, जो वायरल संक्रमण के कारण होता है। यह संक्रमण ज्यादा गंदगी वाली जगह पर फैलता है। हर साल उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में इस बीमारी के कारण नवजात शिशुओं के साथ बच्चों की मृत्यु हो जाती है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में इस बीमारी के कारण 45 दिनों में 71 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी।

वैज्ञानिक ने कहा परिणाम उत्‍साहजनक
शोध लगभग पूरा हो चुका है। अब क्लीनिकल ट्रायल जारी है। शोध के परिणाम उत्साहजनक हैं। पूरी स्थिति सभी ट्रायल पूरे होने पर साफ होगी।
डॉ. अनिर्बान बासु, शोधकर्ता वैज्ञानिक।

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