आखिर क्या है मजबूरी जो कन्युनिटी स्प्रेड को नहीं किया जा रहा स्वीकार : सत्येंद्र जैन

Delhi Coronavirus News Update देश के कुछ राज्यों के कुछ जिलों में कोरोना के कम्यूनिटी स्प्रेड पर हाल ही में आए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के बयान पर अब दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन अपना पक्ष ऱखा है।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 19 Oct 2020 02:27 PM (IST) Updated:Mon, 19 Oct 2020 02:27 PM (IST)
आखिर क्या है मजबूरी जो कन्युनिटी स्प्रेड को नहीं किया जा रहा स्वीकार : सत्येंद्र जैन
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली-एनसीआर के साथ कुछ अन्य राज्यों  में भी कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं, कुछ राज्यों के कुछ जिलों में कोरोना के कम्यूनिटी स्प्रेड पर हाल ही में आए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के बयान पर दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन अपना पक्ष ऱखा है। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ महीने पर इस पर अपना बयान दिया था। अब  न जाने वह किस मजबूरी के तहत इसे स्वीकार नहीं किया जा रहा है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सवालिया लहजे में कहा कि अगर लाखों मामलों को सामुदायिक प्रसार नहीं माना जाता है, तो इसे कब माना जाएगा?

इसी के साथ सत्येंद्र जैन ने यह भी कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में 5034 बेड कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए हैं। इनमें 70 फीसद बेड अब भी खाली हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक महीने की तुलना में अब हालात ज्यादा ठीक हैं। मंत्री सत्येंद्र जैन ने लोगों से गुजारिश की है कि सभी शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने के साथ मास्क जरूर लगाएं।  

21 जून से अब तक बने 5,357 कंटेनमेंट जोन

दिल्ली में पिछले चार माह यानी 119 दिनों में 5,357 कंटेनमेंट (हॉटस्पॉट) जोन बने हैं। हालांकि अब कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ने की रफ्तार धीमी हो गई है। पिछले 17 दिनों में दिल्ली में सिर्फ 200 नए कंटेनमेंट जोन बने हैं। राजस्व विभाग की रविवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में 21 जून के बाद से अब तक 5,357 नए कंटेनमेंट जोन बने हैं।

वहीं अब तक दिल्ली में कुल 5,691 कंटेनमेंट जोन बने हैं। इनमें से 2,921 को डी-कंटेन कर दिया गया है। अब 2,770 कंटेनमेंट जोन बचे हैं। सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोन दक्षिण-पश्चिमी जिले में 984 और पश्चिमी जिले में 838 कंटेनमेंट जोन बने हैं।

इसके अलावा उत्तरी, उत्तर- पश्चिमी, दक्षिणी जिले में 500 के ऊपर कंटेनमेंट जोन बने हैं। वहीं तीन जिले नई दिल्ली, शाहदरा व मध्य में 400 के ऊपर और बाकी में उत्तर- पूर्वी, पूर्वी, दक्षिण- पूर्वी में कंटेनमेंट जोन की संख्या 400 से नीचे है।

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