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Delhi Bomb Threat: सामने आया ईमेल भेजने वाले का मंसूबा, दहशत फैलाने का था इरादा; FIR में कही गई ये बातें

दिल्ली पुलिस ने बताया कि कॉल मिलने के बाद पीसीआर वाहनों को स्कूलों में भेजा गया और जिला पुलिस बीडीएस एमएसी स्पेशल सेल और अपराध नियंत्रण कक्ष डीडीएमए एनडीआरएफ फायर सीएटीएस और कई अन्य एजेंसियों को सतर्क किया गया। सूत्र के मुताबिक एफआईआर के एक हिस्से में लिखा है कि इन जांच संबंधित टीमों को विभिन्न स्कूलों में जाने में दिक्कतें हुईं।

By Agency Edited By: Sonu Suman Published: Thu, 02 May 2024 03:13 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2024 03:13 PM (IST)
सामने आया मेल भेजने वाले का मंसूबा, दहशत फैलाने का था इरादा।

पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली के लगभग 200 स्कूलों को मिले बम संबंधी अफवाह वाले ईमेल का मंसूबा सामूहिक स्तर पर दहशत पैदा करना और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना था।  दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर में यह बातें कही गई है। एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, पुलिस को बुधवार सुबह 5.47 बजे से दोपहर 2.13 बजे तक विभिन्न स्कूलों से कम से कम 125 बम से हमले के धमकी भरे कॉल प्राप्त हुए।

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उन्होंने बताया कि कॉल मिलने के बाद पीसीआर वाहनों को स्कूलों में भेजा गया और जिला पुलिस, बीडीएस, एमएसी, स्पेशल सेल और अपराध नियंत्रण कक्ष, डीडीएमए, एनडीआरएफ, फायर सीएटीएस और कई अन्य एजेंसियों को सतर्क किया गया। सूत्र के मुताबिक, एफआईआर के एक हिस्से में लिखा है कि इन जांच संबंधित टीमों को विभिन्न स्कूलों में जाने में दिक्कतें हुईं।

सभी स्कूलों को समय पर खाली करा लिया गया

उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने एक मिशन के तहत सभी स्कूलों को खाली करा लिया और पूरे शहर में व्यापक जांच अभियान चलाया। सूत्र ने कहा, "सामूहिक दहशत पैदा करने और जनता को परेशान करने के षडयंत्रकारी इरादे से ये ईमेल भेजे गए थे।

स्पेशल सेल पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 505 (2) (विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी, नफरत या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान), 507 (गुमनाम संचार द्वारा आपराधिक धमकी) और 120 (बी) (आपराधिक षडयंत्र) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

एक जैसा ईमेल सभी स्कूलों को मिला

दिल्ली-एनसीआर के लगभग 200 स्कूलों को बुधवार को एक जैसा धमकी भरा ईमेल मिला, जिसमें दावा किया गया कि उनके परिसर में विस्फोटक लगाए गए हैं। इसके बाद बड़े पैमाने पर छात्रों की निकासी और संदिग्ध की तलाशी शुरू हो गई। इस दौरान माता-पिता अपने बच्चों को लेने के लिए स्कूल की तरफ दौड़ पड़े। अधिकारियों को इस तलाशी के दौरान कुछ भी नहीं मिला। इसके बाद इसे फेक घोषित कर दिया गया।

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