Delhi Riots: शरजील इमाम और उमर खालिद के खिलाफ देशद्रोह का केस चलाने के लिए मिली स्वीकृति

Delhi Riots 2020 कुछ महीने पहले कई घंटे की लंबी पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने उमर खालिद को गिरफ्तार किया था। आरोपित पर दिल्ली दंगों के दौरान शामिल होने के कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 06 Nov 2020 02:28 PM (IST) Updated:Fri, 06 Nov 2020 07:44 PM (IST)
Delhi Riots: शरजील इमाम और उमर खालिद के खिलाफ देशद्रोह का केस चलाने के लिए मिली स्वीकृति
दिल्ली दंगों में आरोपित उमर खालिद की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एनआरसी और सी एए के खिलाफ फरवरी में दिल्ली में हुए दंगो के मास्टर माइंड उमर खालिद और शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार ने अभियोजन स्वीकृति प्रदान कर दी है। देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए सरकार की स्वीकृति जरूरी होती है। दोनों जेएनयू के पूर्व छात्र रहे है। इन्हीं दोनों ने समुदाय विशेष के नेताओ, वामपंथी विचार धारा के नेताओ, विभिन्न शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले वर्तमान और पूर्व छात्रों के साथ साजिश रच दिल्ली में दंगे कराए थे।

दुनियां में भारत की छवि खराब करने के लिए बड़े स्तर पर साजिश रची गई थी। अमेरिकी राष्ट्पति डोनाल्ड ट्रंप के भारत आने के दौरान येन मौके पर फरवरी में दंगे कराए गए ताकि भारत की छवि विश्व भर में खराब हो सके। शाजिश कर्ताओ को पूरा यकीन था कि ट्रप के दिल्ली में होने के दौरान जब दंगे होंगे तब विदेशी मीडिया भी दंगो को कवर करेगी।

दोनों के खिलाफ केस चलाने के अभियोजन स्वीकृति अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में ही दे दी गई। दंगे की विस्तृत साजिश रचे जाने के मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल देशद्रोह के आरोप में अब तक 21 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिनमे उमर खालिद और शरजील इमाम समेत 17 पर देशद्रोह का केस चलाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार अभियोजन स्वीकृति दे चुकी है। बीते सितंबर में स्पेशल सेल देशद्रोह के 15 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। आरोप पत्र में पिंजरा तोड़ को छात्रा गुल फिशा खातून उर्फ गुल समेत कई अन्य आरोपितों ने कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेताओ, उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रोफेशर, अधिकवाक्ताओ आदि के दंगो से पहले धरना स्थलों पर जाकर भड़काऊ भाषण देने को बात स्वीकारी है। हालांकि दिल्ली पुलिस में अभी उनमें एक लघु फिल्म निर्माता समेत चंद नेताओ से ही संछिपत पूछताछ की गई है। पुलिस ने अभी आरोपितों के बयान पर सामने आए नेताओ और अन्य को आरोपित बनाने को लेकर कोई निर्णय नहीं किया है।

एनआरसी बिल पास होते ही उमर खालिद ने दिसंबर में ही पहले इंडिया अगेंस्ट हेट के संस्थापक खालिद सैफी और जेएनयू, जामिया से समुदाय विशेष के छात्रों के साथ आंदोलन करने कि तैयारी की। शर जील इमाम को भी बाद में इसलिए जोड़ा क्योंकि उसे भड़काऊ भाषण देने में महारत हासिल है। दंगे करने के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्रों के कई नए संगठन बनाए गए। केवल समुदाय विशेष के छात्रों और नेताओं के साथ आंदोलन को बृहद रूप ना मिलता देख बाद में उमर ,खालिद सैफी और शरजील ने तमाम राजनीतक पार्टियों और अन्य को आंदोलन से जोड़ लिया था।

जाकिर नगर में गोपनीय तरीके से उमर खालिद आंदोलन से जुड़े लोगों के साथ गोपनीय बैठक करता था। जामिया और दरियागंज में आंदोलन करने पर सफलता नहीं मिलते देख उमर ने ताहिर हुसैन और अन्य के साथ मीटिंग कर उत्तर पूर्वी दिल्ली में देंगे करने का रुख किया था। दंगे के लिए सभी को अलग अलग जिम्मेदारी दी गई थी। पीएफआई और अन्य के जरिए करोड़ों को फंडिंग की गई। आरोप पत्र में दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि दंगे में शामिल होने वाले लोगो को करोड़ों रुपए बांटे गए।

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