दिल्ली की कोर्ट ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को सुनाई 5 साल की सजा, यहां पढ़िये- पूरा मामला

शिकायत मिलने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) ने जाल बिछाकर मजिस्ट्रेट को 18 अगस्त 2015 को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। इतना ही नहीं मजिस्ट्रेट के पास से 25 हजार रुपये भी बरामद किए थे।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 07:45 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 07:45 AM (IST)
दिल्ली की कोर्ट ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को सुनाई 5 साल की सजा, यहां पढ़िये- पूरा मामला
दिल्ली स्थित पटियाला हाउस कोर्ट की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। अगस्त 2015 में 25 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) द्वारा गिरफ्तार किए गए विशेष मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आरपी भाटिया (Special Metropolitan Magistrate RP Bhatia) को पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत ने पांच साल कारावास की सजा सुनाई। पटियाला हाउस के विशेष सीबीआइ न्यायाधीश संतोष स्नेही मान ने दोषी मजिस्ट्रेट पर 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यहां पर बता दें कि जब रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया गया था, उस समय आरपी भाटिया की उम्र 65 वर्ष थी और इस समय उनकी उम्र 70 वर्ष के पार है।

आरोप है कि विशेष मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आरपी भाटिया ने जहां-तहां कूड़ा फेंकने के आरोप में अलकनंदा मार्केट के एक दुकानदार का 10 अगस्त, 2015 को चालान कर लाजपत नगर की अदालत में पेश होकर पक्ष रखने के लिए कहा था। जांच के दौरान सीबीआइ ने पाया था कि दुकानदार जब वहां पहुंचा तो मजिस्ट्रेट ने उससे मामले को रफा-दफा करने के लिए 60 हजार रुपये की रिश्वत मांगी और अंत में 25 हजार रुपये में बात तय हुई। शिकायतकर्ता ने इसकी जानकारी सीबीआइ को दे दी।

इसके बाद जांच में जुटी सीबीआइ ने जाल बिछाकर मजिस्ट्रेट को 18 अगस्त, 2015 को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। मजिस्ट्रेट के पास से 25 हजार रुपये भी बरामद किए थे। इसके अलावा दोनों के बीच हुई बातचीत का टेप सही पाया गया।

पढ़िये - सजा सुनाने के दौरान कोर्ट की टिप्पणी

मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में अभियुक्त एक सम्मानित व्यक्ति रहे हैं और उनसे इस तरह की उम्मीद नहीं की जा सकती थी। अगर उन्हें सजा नहीं दी गई तो न्यायपालिका से आम लोगों का विश्वास उठ जाएगा। अदालत ने यह टिप्पणी करते हुए सजा कम करने की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अपील को खारिज कर दिया।

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