मरीजों ने सरकार को बताई मन की बात

रणविजय सिंह, नई दिल्ली : केंद्र सरकार के सफदरजंग अस्पताल में ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचने वाले 30

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 May 2017 11:40 PM (IST) Updated:Mon, 29 May 2017 11:40 PM (IST)
मरीजों ने सरकार को बताई मन की बात
मरीजों ने सरकार को बताई मन की बात

रणविजय सिंह, नई दिल्ली :

केंद्र सरकार के सफदरजंग अस्पताल में ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचने वाले 30 फीसद मरीज वहां की स्वास्थ्य सुविधाओं से संतुष्ट नहीं हैं। मरीजों ने केंद्र के 'अपना अस्पताल' पहल के तहत सरकार को अपने मन की बात बताई है। मरीजों ने यह शिकायत भी की है कि अस्पताल में सभी दवाएं नहीं मिल पातीं। खासतौर पर महंगी दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पताल प्रशासन को स्थिति में सुधार करने का निर्देश दिया है। इसके मद्देनजर अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल के सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठकर इलाज की सुविधाओं में सुधार करने के लिए कहा है।

अस्पताल प्रशासन ने बैठक में विभागाध्यक्षों को बताया कि वर्तमान समय में ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज ही अपनी प्रतिक्रिया ऑनलाइन या मोबाइल से सरकार को दे पा रहे हैं। अब अस्पताल में भर्ती मरीज भी अगले महीने से अपनी प्रतिक्रिया दे पाएंगे। ओपीडी के मरीजों द्वारा सफदरजंग अस्पताल के बारे में दी गई प्रतिक्रिया की पहली रिपोर्ट (अप्रैल महीने) मंत्रालय ने अस्पताल प्रशासन को भेजी है।

अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि यहां ओपीडी में प्रतिदिन करीब 6000 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। जिसमें से 11 फीसद मरीजों ने अपनी प्रतिक्रियाएं भेजी हैं। इसमें 70 फीसद मरीजों ने अस्पताल में मिले इलाज से संतुष्टि जाहिर की है। जबकि 30 फीसद ने नाराजगी जाहिर की है। इसमें से करीब 50 फीसद मरीजों की शिकायत है कि इलाज के लिए डॉक्टर मिलते नहीं हैं। इसके अलावा दवाओं, जांच व साफ सफाई की कमी की भी शिकायत की है। मरीजों ने अस्पताल प्रशासन को उन दवाओं का नाम भी बताया है, जो दवा स्टोर से नहीं मिले। लिहाजा अस्पताल प्रशासन ने सभी डॉक्टरों को निर्देश दिया है कि वे मरीजों को जेनरिक दवाएं ही लिखें। साथ ही डॉक्टरों को यह भी निर्देश दिए गए कि वे वहीं दवाएं लिखें जो अस्पताल के स्टोर में उपलब्ध हो।

बाहर जांच कराने की सलाह नहीं देने का निर्देश

अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टरों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे मरीजों को बाहर के लैब में जांच कराने की सलाह न दें। अस्पताल के अंदर ही मरीजों की जांच सुनिश्चित होनी चाहिए।

मरीजों की प्रतिक्रिया से व्यवस्था में होगा सुधार

मामले पर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके राय से बात करने पर उन्होंने कहा कि वैसे तो स्टोर में पर्याप्त दवाएं हैं, पर जो दवाएं उपलब्ध नहीं है, उसे जल्दी उपलब्ध करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मरीजों की प्रतिक्रिया मिलने से अस्पताल की व्यवस्था में सुधार होगा। यह सरकार की अच्छी पहल है। मरीजों की नाराजगी की दर 30 फीसद से घटाकर पांच फीसद से भी कम स्तर पर लाएंगे।

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