अमला और डिविलियर्स को देखना शानदार

दूसरी पारी में जिस ढंग से दक्षिण अफ्रीका ने रक्षात्मक एप्रोच दिखाई है, वह शानदार है। भारत ने उनके सामने 481 रन का असंभव लक्ष्य रखा था और मौजूदा परिस्थितियों में इसे हासिल करना नामुमकिन था। इसलिए दक्षिण अफ्रीका ने अपनी बल्लेबाजी का लक्ष्य सिर्फ डिफेंस को बनाया। आज के

By ShivamEdited By: Publish:Sun, 06 Dec 2015 07:42 PM (IST) Updated:Sun, 06 Dec 2015 07:44 PM (IST)
अमला और डिविलियर्स को देखना शानदार

(संजय मांजरेकर का कॉलम)

दूसरी पारी में जिस ढंग से दक्षिण अफ्रीका ने रक्षात्मक एप्रोच दिखाई है, वह शानदार है। भारत ने उनके सामने 481 रन का असंभव लक्ष्य रखा था और मौजूदा परिस्थितियों में इसे हासिल करना नामुमकिन था। इसलिए दक्षिण अफ्रीका ने अपनी बल्लेबाजी का लक्ष्य सिर्फ डिफेंस को बनाया। आज के बल्लेबाजों को इस ढंग से खेलते देखने के बाद उनके लिए मन में सम्मान की भावना आती है। मौजूदा समय के बल्लेबाज सीमित ओवरों के क्रिकेट के साये तले आगे बढ़ते हैं, जहां 50 ओवर के क्रिकेट में 100 का स्ट्राइक रेट आम बात है और टी-20 में यह 120 तक पहुंच जाता है। ऐसे में अगर ये बल्लेबाज अचानक रक्षात्मक खेल दिखाने लगें और हर गेंद को रोकना पड़े तो उनके लिए असाधारण स्थिति तो पैदा होती ही है। आखिर कितनी बार हम इन बल्लेबाजों को धैर्य के साथ हर गेंद पर डिफेंस करते हुए देखते हैं? मेरी नजर में उन्होंने शानदार काम किया।

अमला और एबी डिविलियर्स आधुनिक युग के बल्लेबाज हैं और वे सभी प्रारूपों में खेलते हैं। अपने काम में अच्छे भी हैं। वे पुजारा या वीवीएस की तरह सिर्फ टेस्ट बल्लेबाज नहीं हैं। यहां तक कि टेस्ट क्रिकेट में भी डिफेंसिव गेम खेलने के लिए काफी योग्यता चाहिए।

अमला और एबी की विकेट पर टिके रहने की तारीफों के बीच हमें रहाणे की प्रशंसा करनी भी नहीं भूलनी चाहिए। वह एक बल्लेबाज के रूप में आगे बढ़ रहे हैं। वह न सिर्फ सीम गेंदबाजों को अच्छी तरह खेलते हैं, बल्कि स्पिनरों पर भी चढ़कर खेलना जानते हैं और वो भी दुनिया की किसी भी पिच पर। भारत से हमेशा ही विश्व स्तरीय बल्लेबाज निकलते रहे हैं और रहाणे उन्हीं में से एक हैं।

(पीएमजी)

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