World MSME Day पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ मुकेश मोहन गुप्ता रखेंगे अपने विचार

World MSME Day की स्थापना साल 2017 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी। MSME के स्थानीय और वैश्विक स्तर पर समावेशी व सतत विकास में योगदान के लिए इस दिवस की स्थापना हुई थी।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Fri, 26 Jun 2020 05:31 PM (IST) Updated:Sat, 27 Jun 2020 09:35 AM (IST)
World MSME Day पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ मुकेश मोहन गुप्ता रखेंगे अपने विचार
World MSME Day पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ मुकेश मोहन गुप्ता रखेंगे अपने विचार

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। दुनियाभर में 27 जून यानी शनिवार को विश्व एमएसएमई दिवस (World MSME Day) मनाया जाएगा। भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम चैंबर इस साल भी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के साथ विश्व एमएसएमई दिवस, 2020 मनाएगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन जयराम गडकरी, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव ए के शर्मा, जीईएम के सीईओ टल्लन कुमार और भारतीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम चैंबर के अध्यक्ष मुकेश मोहन गुप्ता विश्व एमएमएमई दिवस पर शनिवार को दोपहर एक बजे से 3:10 बजे के बीच अपना संबोधन देंगे।

विश्व एमएसएमई दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में एक पैनल डिस्कशन भी होगा। इस पैनल डिस्कशन को दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख आशुतोष झा द्वारा संचालित किया जाएगा। विश्व एमएसएमई दिवस के इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है।

विश्व एमएसएमई दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिए इस लिंक पर क्लिक करके रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।

विश्व एमएसएमई दिवस की स्थापना साल 2017 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के स्थानीय और वैश्विक स्तर पर समावेशी व सतत विकास में योगदान के लिए इस दिवस की स्थापना की गई थी। इस साल विश्व एमएसएमई दिवस की ग्लोबल थीम 'एमएसएमई: सामाजिक आवश्यकताओं का प्रथम उत्तरदााता' (MSMEs: First responders to societal needs) है।

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कोरोना वायरस महामारी प्रकोप और लॉकडाउन प्रतिबंधों के चलते अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है। साथ ही इससे एमएसएमई जैसे सेग्मेंट में पहले से मौजूद संरचनात्मक कमजोरियां भी सामने आई हैं। नियामकीय सुधार और ऋण सहायता वाले सरकार के आत्मनिर्भर भारत राहत पैकेज में भी एमएसएमई को प्राथमिकता दी गई है।

भारत में 6.3 करोड़ MSMEs हैं, जो 12 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं। देश के इन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का निर्यात में 45 फीसद योगदान होता है। एमएसएमई बड़ी राष्ट्रीय और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एमएसएमई की स्थिति समग्र रूप से आपूर्ति श्रृंखलाओं पर असर डालती है।

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