LIC में जल्द हो सकता है बड़ा बदलाव, 4 बीमा कंपनियों के विलय के बाद ग्राहकों को होगा जबरदस्त फायदा
सरकार चार कंपनियों को एलआईसी में जल्द ही मर्ज कर सकती है। इसके बाद भारतीय जीवन बीमा निगम का बिजनेस कई गुना बढ़ जाएगा। वह जीवन बीमा पॉलिसी के अलावा कई अन्य उत्पाद भी बाजार में उतार सकती है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर सब कुछ ठीक और सरकार की योजना के मुताबिक रहा तो जल्द ही एलआईसी में सार्वजनिक क्षेत्र की चार सामान्य बीमा कंपनियों का विलय किया जा सकता है। केंद्र सरकार द्वारा समग्र बीमाकर्ता के रूप में अनुमति देने के प्रस्ताव के साथ एलआईसी का कुनबा पहले से कहीं अधिक मजबूत हो जाएगा।
केंद्र ने बीमा अधिनियम 1938 और बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 के विभिन्न प्रावधानों में संशोधन करने का प्रस्ताव किया है। ये प्रस्तावित संशोधन हैं- जीवन और गैर-जीवन बीमा पॉलिसियों को बेचने वाले बीमाकर्ता को समग्र बीमाकर्ता के रूप में अनुमति देना, आवश्यक न्यूनतम पूंजी निर्धारित करने और वैधानिक सीमाओं को समाप्त करने के लिए बीमा नियामक को सक्षम बनाना; निवेश मानदंडों में परिवर्तन और कैपेटिव सहित विभिन्न प्रकार के बीमाकर्ताओं को अनुमति देना।
क्या है प्लान
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट में जानकारों के हवाले से बताया गया है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले घोषणा की थी कि रणनीतिक क्षेत्रों के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र की चार इकाइयां हो सकती हैं और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों के मामले में केवल एक सरकारी स्वामित्व वाली बीमा कंपनी होगी। एक अधिकारी के हवाले से आईएएनएस ने कहा है कि उस घोषणा को देखते हुए सरकार अपनी चार गैर-जीवन बीमा कंपनियों का एलआईसी में विलय कर सकती है। चार सरकारी स्वामित्व वाली सामान्य बीमा कंपनियों द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के विलय की मांग लंबे समय से की जा रही है।
जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया
केंद्र सरकार अन्य बीमा कंपनियों जैसे जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (GIC Re), ECGC लिमिटेड और एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड की भी मालिक है। GIC Re राष्ट्रीय पुनर्बीमाकर्ता है, जबकि ECGC कृषि और विशिष्ट बीमा उत्पाद बेचने वाली कंपनी। इन चारों इंश्योरेंस कंपनियों के कर्मचारी भी इस विचार समर्थन करते हैं। इस बारे में जनरल इंश्योरेंस एम्प्लॉइज ऑल इंडिया एसोसिएशन (जीआईईएआईए) के महासचिव त्रिलोक सिंह ने आईएएनएस से कहा है कि हम सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों को मजबूत करने वाले किसी भी कदम का स्वागत करते हैं।
आपको बता दें कि कुछ साल पहले, सरकार ने घोषणा की थी कि वह द ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया को एक कंपनी में मिला देगी। हालांकि बाद में इस विचार को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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