काले कुबेरों में यश बिड़ला समेत पांच भारतीयों के नाम
स्विटजरलैंड ने स्विस बैंकों में खाता रखने वाले पांच और ऐसे भारतीयों का नाम उजागर किया है, जिनके खिलाफ भारत में कर चोरी की जांच चल रही है। मंगलवार को स्विटजरलैंड के संघीय राजपत्र में जिन भारतीयों के नाम सामने आए, उनमें उद्योगपति यश बिड़ला, स्व. पोंटी चड्ढा के दामाद
बर्न। स्विटजरलैंड ने स्विस बैंकों में खाता रखने वाले पांच और ऐसे भारतीयों का नाम उजागर किया है, जिनके खिलाफ भारत में कर चोरी की जांच चल रही है। मंगलवार को स्विटजरलैंड के संघीय राजपत्र में जिन भारतीयों के नाम सामने आए, उनमें उद्योगपति यश बिड़ला, स्व. पोंटी चड्ढा के दामाद गुरजीत सिंह कोचर और दिल्ली की व्यवसायी रितिका शर्मा शामिल हैं।
इसके अलावा मुंबई से सिटी लिमोसिन कंपनी के जरिये पोंजी कारोबार करने वाले सैयद मुहम्मद मसूद व उनकी पत्नी कौसर मुहम्मद मसूद काम नाम भी उजागर हुआ है। इन दोनों पर सिटी लिमोसिन घोटाले में भी शामिल रहने का आरोप है। बिड़ला और रितिका शर्मा के बारे में स्विटजरलैंड पहले भी भारत के साथ कुछ जानकारी साझा कर चुका है। राजपत्र में इन दोनों का भारत में पता भी बताया गया है।
यश बिड़ला समूह की देश-विदेश में 30 कंपनियां हैं। उसके पांच हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं। समूह का टर्नओवर साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। इससे पहले एचएसबीसी खाताधारकों की लीक हुई सूची में भी यश बिड़ला का नाम आया था। उस समय भी उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था।
स्विटजरलैंड के राजपत्र में पिछले दो दिनों में कुल मिलाकर सात भारतीयों के नामों का खुलासा किया गया है। इसमें अमेरिका और इजरायल समेत कई अन्य विदेशी नागरिकों के नाम भी सार्वजनिक किए गए हैं। इन लोगों के खिलाफ उनके अपने देशों में जांच चल रही है।
क्यों किए नाम उजागर
भारतीय अधिकारियों ने इन लोगों के बारे में स्विस प्रशासन से जानकारी मांगी थी। इसी के तहत स्विटजरलैंड के संघीय राजपत्र में इनके नाम जाहिर किए गए। प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर सैयद मसूद और कौसर मसूद के खातों को भी कुछ साल पहले सीज किया गया था।
30 दिन में अपील का मौका
स्विस फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन ने इन लोगों से कहा है कि अगर वे नहीं चाहते हैं कि उनकी विस्तृत जानकारी भारतीय अधिकारियों को दी जाए, तो वे 30 दिन के भीतर स्विस कोर्ट में अपील कर सकते हैं। यदि अपील स्वीकार कर ली गई, तो मौजूदा कानून के अनुसार स्विस सरकार इनकी आगे जानकारी नहीं देगी।
आपसी सहायता संधि का असर
कर मामलों पर 'आपसी सहायता संधि के तहत स्विटजरलैंड के लिए भारत के साथ जानकारी साझा करना जरूरी है। इस बारे में स्विस सरकार नया कानून बनाने पर भी विचार कर रही है। 2017 तक विश्व के सभी देश काले धन की जानकारी साझा करने की संधि को अमल में लाएंगे।
आगे की कार्रवाई का रास्ता साफ
अहमदाबाद। स्विटजरलैंड सरकार के खुलासों से प्रसन्न वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे आगे की कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है। वित्त मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैं कई बार यह बात कह चुका हूं कि गोपनीयता के जिस पर्दे की आड़ में भारतीयों ने अपना काला धन अन्य देशों में छिपा रखा है, वह अब उठने वाला है। इन खुलासों से आगे की कार्रवाई के लिए हमें पर्याप्त जानकारी मिल सकेगी।
इन भारतीयों के नाम उजागर
यश बिरला : यश बिड़ला समूह के अध्यक्ष
गुरजीत सिंह कोचर : शराब कारोबारी स्व. पोंटी चड्ढा के दामाद
रितिका शर्मा : दिल्ली की कंपनी ब्लेसिंग्स अपारेल की प्रमुख
सैयद मुहम्मद मसूद : मुंबई से सिटी लिमोसिन के जरिये पोंजी कारोबार
कौसर मुहम्मद मसूद : सैयद मुहम्मद की पत्नी
(इन सभी ने स्विस राजपत्र में नाम आने के बाद से चुप्पी साध ली है। हालांकि, यश बिड़ला समूह ने दावा किया है कि यश बिड़ला या उनके समूह का स्विस बैंक में कोई खाता नहीं है।)
-इसके अलावा सोमवार रात को स्नेहलता साहनी और संगीता साहनी के नाम सामने आए। दोनों की जन्मतिथि के अलावा और कोई जानकारी नहीं दी गई है।
पढ़ेंः स्विटजरलैंड ने बताए दो महिला भारतीय खाताधारकों के नाम