बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, राहगीरों को चलना मुश्किल

क्षेत्र में तीन दिनों से हो रही लगातार वर्षा से आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कई सड़कों पर पैदल चलना मुश्किल हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Sep 2019 11:04 PM (IST) Updated:Sun, 29 Sep 2019 06:30 AM (IST)
बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, राहगीरों को चलना मुश्किल
बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, राहगीरों को चलना मुश्किल

बगहा। क्षेत्र में तीन दिनों से हो रही लगातार वर्षा से आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कई सड़कों पर पैदल चलना मुश्किल हो गया है। नगर के रेलवे स्टेशन की सड़क की हालत और भी दयनीय है। शुक्रवार को 36 व शनिवार को सुबह 8:30 बजे तक 14 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। ऐसे में नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक चारों ओर जलजमाव होना आम बात है।

मौसम के संबंध में जानकारों का मानना है कि अभी आने वाले तीन दिनों मौसम तक ऐसा ही रहेगा। वाल्मीकिनगर के रमपुरवा में स्थापित ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम के प्रसारण के अनुसार 29 और 30 सितंबर को (08 से 24 एमएम) मध्यम वर्षा के साथ हल्की हवा का अनुमान है। वहीं एक अक्तूबर को आठ से 25 किलोमीटर प्रति घंटे हवा के साथ हल्की वर्षा (10 एमएम) का अनुमान बताया है। शहर में कहां कहां है जल जमाव

नगर के वार्ड चार, पांच ,छह, सात, आठ ,नौ ,10 के साथ मवेशी अस्पताल, गोशाला, तिवारी टोला आदि में जलजमाव से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। नगर के वार्ड संख्या 10 में चीनी मिल रोड में घुटने तक पानी है वहीं वार्ड चार में कमला मेडिकल के पीछे वाली गली में भी भारी जलजमाव है। हालांकि नगर के वार्डों में पानी निकालने व नाली सफाई का काम निरंतर चल रहा है। लेकिन जिस मोहल्ले में नाली नहीं है वहां पानी का जमाव होना स्वभाविक है। नगर के कैलाशनगर में अधिकांश मोहल्लों में पानी जमने से आवागमन मुश्किल हो गया है। व्यवसाय पर भी पड़ा असर

लगातार बारिश होने का असर सीधे तौर पर व्यवसाय पर असर पड़ा है। वेसे तो लगभग हर सामानों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है लेकिन सबसे अधिक बढ़ोतरी फल व सब्जी पर देखने को मिला। बाजार में सब्जी विक्रेता मेराज ने बताया कि बरसात का असर यह है कि जो सबजी कल तक सबके लिए आसान था वह आज सबकी पहुंच से दूर हो गया है। सिकंदर ने बताया कि सबसे खराब असर प्याज पर है लेकिन हरी सब्जियां भी कम नहीं है। विगत सपताह परवल 20 से 25 रुपये प्रति किलो बिक रहा था वह आज सीधा दुना होकर 50 से 60 रुपये तक पहुंच गया है। वहीं करैला का दर भी 20 रुपये से बढ़कर 40 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। नेनुआ जो एक सप्ताह पहले तक 10 रुपये में डेढ़ किलो मिलता था वह अब 20 से 25 रुपये किलो बिकने लगा है। इसी प्रकार हर सब्जियों के दाम आसमान छूने लगा है। विलंब से चल रही हैं गाड़ियां

बरसात को लेकर रेल गाड़ियां भी विलंब से चलने लगी है। लंबी दूरी से लेकर सवारी गाड़ियां भी विलंब से चलने लगी है। हालांकि रेलवे प्रशासन की तरफ से गाड़ियों के नियमित होने का दावा किया जा रहा है लेकिन नरकटियागंज गोरखपुर रेलखंड पर चजने वाली प्राय: गाड़ियां विलंब होने से यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी। वहीं दूर दराज आने जाने वाले यात्री साधन को लेकर अधिक परेशान दिखे।

बाक्स में :-

सेहत का रखें ख्याल :

शहरी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजेश सिंह नीरज ने बताया कि मौसम बदल रहा है। बरसात में हवा चलने से ठंडी का अहसास हो रहा है। ऐसे में सेहत का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है। गर्मी से ठंडी आ रही है अत: सबसे पहली आवश्यकता पूरे शरीर को ढक कर रखने की है। जयादा ठंडक महसूस होने पर गर्म माहौल में रहना उचित होगा। खाने पीने में विशेष सावधानी की आवश्यकता है। जलजमाव नहीं होने दें, एवं बरसात के पानी के निकासी पर पूरा ध्यान दें। बारिश में बिजली भी गायब

हल्की वर्षा हुई नहीं कि बिजली गायब, फिर कब आएगी या नहीं आएगी यह परंपरा आज भी बगहा के कुछ क्षेत्रों में कायम है। कुछ ऐसे भी इलाके हें जहां बिजली रहती भी है तो लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। आज के तारीख में इंसान की दिनचर्या ही बिजली पर आधारित हो गई है। अगर बिजली नहीं है तो पानी नहीं मिलेगा पानी नहीं मिलेगा तो दिन की शुरुआत नहीं हो पाएगी। लोगों का कहना है कि क्या इस बात से बिजली विभाग के लोग अवगत हैं या नहीं। पानी नहीं आने से नगर के 80 फीसद घरों में जल संकट उत्पन्न हो जाता है। ऐसी हालत में लोगों की दिनचर्या ही बिगड़ जाती है। नगर के राम नाथ कुशवाहा, विभव राज, कैलाश चौधरी आदि ने कहा कि बरसात होने या तेज हवा चलने पर बिजली कटना तो आम बात है। लेकिन उसके बाद फिर बिजली सेवा बहाल हो जाए तो समस्या उतनी विकराल नहीं हो पाती है। आज हम चांद पर पहुंचने की बात कर रहे हैं और बगहा की बिजली व्यवस्था है कि कोई त्योहार हो या आंधी पानी आए सबसे पहले बिजली गायब। जबकि रखरखाव आदि का काम हमेशा होते रहता है फिर भी ऐसी समस्या समझ से परे लगती है। बजली के संबंध में सहायक अभियंता मनोज कुमार साह ने बताया कि ऐसा पहले होता था अब नहीं होता है। तेज आंधी या तूफान में तो बिजली स्वत: ट्रिप कर जाती है तो उसे बाद में पुन: बहाल की जाती है।

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