शेखपुरा में रविवार को एटीएम से रुपये निकालने के लिए भटकते रहते हैं लोग

शेखपुरा। बैंक के उपभोक्ताओं को सुविधा देने के लिए सरकार और बैंकिग सेक्टर रोज ढोल पीट रही है मगर जिले में हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। बैंकिग को लेकर जिले में सबसे बुरी स्थिति एटीएम सेवा की है। अगर आपको अचानक नकदी की जरूरत पड़ गई और एटीएम से आपको नकदी मिल गई तो मानिए कि आप भाग्यशाली हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Jul 2021 10:53 PM (IST) Updated:Sun, 11 Jul 2021 10:53 PM (IST)
शेखपुरा में रविवार को एटीएम से रुपये निकालने के लिए भटकते रहते हैं लोग
शेखपुरा में रविवार को एटीएम से रुपये निकालने के लिए भटकते रहते हैं लोग

शेखपुरा। बैंक के उपभोक्ताओं को सुविधा देने के लिए सरकार और बैंकिग सेक्टर रोज ढोल पीट रही है, मगर जिले में हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। बैंकिग को लेकर जिले में सबसे बुरी स्थिति एटीएम सेवा की है। अगर, आपको अचानक नकदी की जरूरत पड़ गई और एटीएम से आपको नकदी मिल गई तो मानिए कि आप भाग्यशाली हैं। वर्ना एटीएम कार्ड हाथ में रखकर आप समूचे जिला घूम जाइये, अंत में आपको जरूरी काम उधारी लेकर निपटाना पड़ेगा।

जिले की अधिकांश एटीएम का शटर डाउन ही रहते हैं। कुछ खुले मिलेंगे तो, उसमें रुपये नहीं रहता है और रुपये रहा तो तकनीकी समस्या की वजह से मशीन बंद रहती है। जिले में एटीएम की यह स्थिति ग्रामीण और शहरी लगभग दोनों जगह एक जैसी है। बैंकों की एटीएम सेवा दुरुस्त रहे, इसको लेकर खुद डीएम का प्रयास और निर्देशों को भी बैंकर्स ने कोई भाव नहीं दिया। रविवार तथा छुट्टी के दिनों में एटीएम की स्थिति और भी खराब हो जाती है। सबसे बड़े बैंक एसबीआइ तथा जिले के लीड बैंक केनरा बैंक की एटीएम सेवा भी इसी समस्या की शिकार है। तीन महीनों पर होने वाली बैंकर्स समिति की बैठक में एटीएम का मुद्दा हर बार उठता है, मगर लगता है बैंकर्स इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं।

बस संचालकों ने बीस दिन में भाड़ा कर दिया दोगुना

शेखपुरा से पटना जाने वाले बस संचालकों की मनमानी से यात्री परेशान हैं। यहां एसी बस के नाम पर मनमाना भाड़ा वसूल किया जा रहा है। आलम यह है कि 20 दिन पहले बस संचालकों ने 110 रुपये शेखपुरा से पटना का भाड़ा लिए जाने की घोषणा की थी, परंतु उसे बढ़ाते हुए रविवार से 220 रुपये कर दिया गया है। यात्री संघ ने इस पर रोक लगाने की मांग जिला प्रशासन से की है।

लोगों ने बताया कि बस संचालकों के दो गुटों के प्रतिस्पर्धा में आम आदमी को परेशानी हो रहे हैं। एक गुट द्वारा 110 रुपये से लेकर 150 रुपये तक का किराया लिया जा रहा था, परंतु उस किराया को बढ़ाकर 220 रुपये कर दिया गया है। बस यात्री संघ के द्वारा जिला प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए उचित किराया निर्धारित करने की मांग की है । उधर बस एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सतपाल यादव ने बताया कि बस संचालकों के द्वारा मनमाना किराया बढ़ाए जाने पर जिला प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए बस के लाइसेंस को रद कर देना चाहिए।

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