28 घंटे बाद भी पुलिस खाली हाथ

समस्तीपुर। एनएच पर अभियंता लूटकांड के 28 घंटे से अधिक गुजर चुके हैं पर अभी तक पुलिस खाली हाथ है। न

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Jun 2017 11:22 PM (IST) Updated:Fri, 16 Jun 2017 01:17 AM (IST)
28 घंटे बाद भी पुलिस खाली हाथ
28 घंटे बाद भी पुलिस खाली हाथ

समस्तीपुर। एनएच पर अभियंता लूटकांड के 28 घंटे से अधिक गुजर चुके हैं पर अभी तक पुलिस खाली हाथ है। न तो इंजीनियर से लूटी कार, राइफल और गोली का सुराग मिल पाया है और न घटना में प्रयुक्त उस इनोवा को भी बरामद किया जा सका है। बरामदगी तो दूर अपराधियों के पास तक भी पुलिस नहीं फटक पायी है। वैसे यह भी चर्चा है कि कहीं यह वहीं इनोवा तो नहीं जिसकी लूट सप्ताह भर पूर्व मुसरीघरारी थाना क्षेत्र से हुई थी। हालांकि इस मामले में चोरी की प्राथमिकी दर्ज हुई थी। वैसे पुलिस अभी भी छापेमारी का दावा करते हुए मामले का शीघ्र उद्भेदन का दावा करती है। इसी बीच अपराधी दूसरी घटना को अंजाम देकर आराम से निकल जाते हैं। पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था और नाइट पेट्रो¨लग को चुनौती देते हुए अपराधियों ने 24 घंटे के अंदर दूसरी लूट की घटना के बाद गोलीबारी कर आराम से अपने सुरक्षित स्थान पर चली गई। ताजा मामले में अपराधियों ने बुधवार की रात करीब दस बजे बाबूपुर सलखन्नी लाल कुआ के पास एक टेंपो चालक सुधीर तिवारी और उस पर बैठे सवारी मोख्तियारपुर सलखन्नी निवासी मो. शयद हुसैन से लूटपाट के दौरान विरोध करने पर गोली मार कर घायल कर दिया। अब देखना होगा स्थानीय पुलिस अपराधियों की इस च नौती कर कैसे लेती है। थाना क्षेत्र में 24 घंटो के अंदर हुए दो लूट की घटना को कितनी जल्दी सुलझा पाती है या एक तीसरी घटना के घटने का इंतजार करती है।

एक ओर पुलिस जहां लगातार वाहन चे¨कग व गश्ती का दावा करते नहीं थकती वहीं दूसरी ओर अपराधी घटना को अंजाम देकर बड़े आराम से फरार हो जाते हैं। यहां चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था व सघन गश्ती का दावा करने वाली तेजतर्रार पुलिस के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह एक मामले को सुलझा भी नहीं पाती है कि अपराधी दूसरी वारदात को अंजाम दे फिर से पुलिस को खुली चुनौती दे देते हैं। लूट जैसे अपराध को लेकर जिले में स्पेशल टीम भी गठित है। इसके बावजूद लूट और हत्या जैसी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है। हर घटना के बाद पुलिस अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी का दावा करती जरूर दिखती है, लेकिन इससे पहले की पुलिस एक मामले की गुत्थी सुलझाए उसके पहले ही अपराधी दूसरी बड़ी वारदात को अंजाम देकर बड़े आराम से फरार हो जाते हैं।

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