मां लक्ष्मी व भगवान गणेश की पूजा कर मनाई दीपावली

सहरसा। दीपों का त्योहार दीपावली संपूर्ण जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दीपावली को लेकर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Nov 2018 02:04 AM (IST) Updated:Fri, 09 Nov 2018 02:04 AM (IST)
मां लक्ष्मी व भगवान गणेश की पूजा कर मनाई दीपावली
मां लक्ष्मी व भगवान गणेश की पूजा कर मनाई दीपावली

सहरसा। दीपों का त्योहार दीपावली संपूर्ण जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दीपावली को लेकर देर रात तक मां लक्ष्मी व भगवान गणेश की पूजा होती रही। घरों में बच्चों ने रंगोली बनाकर दीप जलाकर खुशियां मनायी। वहीं जगह-जगह आतिशबाजी होती रही। बच्चे सहित युवाओं की टोली सड़क पर ही आतिशबाजी करते रहे। पूरा शहर रंग-बिरंगे रोशनी से जगमगाता रहा।

दीपावली को लेकर दुकानों को लोगों ने आकर्षक ढंग से सजाया था। दुकान के आगे केला के पेड़ को लगाकर उसे आकर्षक रूप दिया गया। दुकानदारों सहित घरों में लोगों ने दिन भर उपवास रखकर लक्ष्मी-गणेश की पूजा-अर्चना की। इसके बाद ही अपना व्रत तोड़ा। लोगों ने देवी लक्ष्मी से सुख समृद्धि की कामना की। पूजा को लेकर पुलिस पूरी तरह सजग थी। पंडितों की रही डिमांड दीपावली की रात पूजा कराने के लिए पंडितों की डिमांड रही। पंडितों की मांग इतनी अधिक थी कि एक दुकान में पूजा कराने के दौरान ही पंडित को ले जाने के लिए दूसरे दुकानदार तैयार बैठे रहते। कोई बाइक पर तो कोई कार पर बिठाकर उन्हें अपनी दुकान पूजा कराने के लिए ले जाते रहे। एक पंडित दस से बारह दुकानों में पूजा कराते रहे। रात के एक बजे तक पूजा का दौर चलता रहा। रंगोली बनाने की है परंपरा दीवाली के मौके पर रंगोली बनाने की परंपरा कायम है। इस दिन खासकर घरों में दीवाली के मौके पर बच्चों सहित महिलाएं अपने-अपने घरों में रंगोली बनायी। विभिन्न रंगों से रंगोली बनाकर उसमें दीप जलाकर उसे आकर्षक रूप दिया गया। रंगोली के बीच में सजे दीप से रंगोली की खूबसूरती देखते ही बनती थी। घरों में रंगोली बना रही श्रेया, कन्हैया, अंशुमान, विकास, श्रुति, रुचि, अंजली, मोना कहती है कि रंगोली बनाकर उसमें दीप जलाने में आनंद आता है। वहीं इससे घर की खूबसूरती बढ़ती है। आतिशबाजी से शहर होता रहा धुंआ-धुंआ आतिशबाजी से पूरा शहर धुंआ-धुंआ होता रहा। शहर के डीबी रोड, गांधी पथ, बनगांव रोड, बंगाली बाजार, धर्मशाला रोड, पूरब बाजार, नया बाजार, गंगजला, गौतमनगर मुहल्ला में एक तो जलते दीए से वातावरण प्रदूषित हो गया। वहीं रह-रहकर आतिशबाजी से पूरा इलाका धुंआ में तब्दील हो गया। वातावरण प्रदूषित होने से इसका प्रतिकूल असर लोगों के स्वास्थ्य जीवन पर पड़ा। वहीं लोग आतिशबाजी करते रहे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का खासा असर नहीं रहा। वैसे रात दस बजे के बाद कहीं-कहीं से पटाखे की आवाज गुंजती रही। अनाथ बच्चों के साथ मनाई दीपावली बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक भास्कर प्रियदर्शी समेत अन्य अधिकारी ने बाल गृह में अनाथ बच्चों के साथ दीपावली मनाई। इस दौरान बच्चों द्वारा आकर्षक रंगोली बनाई गई थी। बच्चों को मिठाई खिलाकर लोगों ने दीपावली की शुभकामना दी।

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