बिहार में किसानों के खिलाफ धड़ाधड़ हो रहे FIR, रजिस्ट्रेशन रद्द कर योजनाओं से किया जा रहा वंचित; यह है बड़ी वजह
Bihar Farmers News बिहार में उन किसानों की पहचान कर एफआईआर दर्ज की जा रही है जो खेत में पराली जलाने का काम कर रहे हैं। फसल अवशेष जलाने वाले पांच किसानों पर अब तक प्राथमिकी हो चुकी है। इतना ही नहीं ऐसे किसानों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर उन्हें योजनाओं के लाभ से वंचित किया जा रहा है। इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा रही है।
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। सख्त चेतावनी के बाद भी खेत में फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर जिला प्रशासन ने नकेल कसना शुरू कर दिया है। अब तक चिन्हित किए गए पांच किसानों पर प्राथमिकी की गई है, जबकि 48 किसानों का रजिस्ट्रेशन रद कर उन्हें विभिन्न योजनाओं से वंचित किया गया है।
पराली जलाने वाले किसानों पर विभाग सख्त
जबकि फसल अवशेष जलाने वाले अन्य किसानों की पहचान करने का काम कृषि विभाग से जुड़े कर्मियों व अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है।
जिले में अब तक जिन थानों में पराली जलाने वाले किसानों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, उनमें बिक्रमगंज में दो, सूर्यपुरा, दिनारा व संझौली में एक-एक शामिल है।
वहीं कोचस प्रखंड में एक किसान पर प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुशंसा की गई है। किसानों के विरूद्ध यह कार्रवाई सीआरपीसी की धारा 133 के तहत की गई है।
पराली जलाने के ये हैं नुकसान
जिला कृषि पदाधिकारी रामकुमार ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा खेत में फसल अवशेष नही जलाने को लेकर पंचायत स्तर पर चौपाल एवं कृषक प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को जागरूक तथा फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। फसल अवशेष जलाने से वायु प्रदूषित होता है।
फसल अवशेषों को जलाने से मिट्टी का तापमान बढ़ता है, जिस कारण मिट्टी में उपलब्ध जैविक कार्बन जो पहले से ही हमारी मिट्टी में कम है और भी जल कर नष्ट हो जाता है। फलस्वरूप मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। साथ ही साथ पर्यावरण दूषित होने के कारण स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
पराली जलाने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई
तीन दिन पूर्व हुई वीडियो काॅफ्रेंसिंग में पराली जलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया है। साथ ही कृषि विभाग के पदाधिकारियों व प्रसार कर्मियों के साथ राजस्व कर्मचारी क्षेत्र में रहकर पराली जलाने वाले को चिन्हित करते हुए विधिसम्मत कार्रवाई करने को निर्देशित किया गया।
इसके बाद विभाग द्वारा पराली जलाने वाले 48 किसानों का पंजीकरण रद्द कर उन्हें सभी सरकारी लाभ से वंचित कर दिया गया है। सभी अनुमणंडल दंडाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक दिन फसल अवशेष जलाने की घटना पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से नियमित पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण करेंगे।
जिला कृषि पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, सभी सहायक निदेशक, सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं सभी कृषि समन्वयक तथा किसान सलाहकार को कहा गया है कि अपने क्षेत्र में लगातार भ्रमणशील रहकर दोषी व्यक्ति को चिन्हित कर उन पर प्राथमिकी दर्ज की जाए ताकि पराली जलाने जैसी घटनाओं पर समय अंकुश लगाया जा सके। बताते चले कि खेत में फसल अवशेष जलाने के कारण पिछले एक माह के दौरान गेंहू के फसल भी जलकर नष्ट हो गए हैं।
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