कोरोना के चलते नहीं हुआ बिहार विधान परिषद का चुनाव, अधिसूचना जारी नहीं हुई तो खाली रह जाएगी यह कुर्सी

विधान परिषद के 17 सदस्यों का कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो रहा है। यदि अधिसूचना जारी नहीं हुई तो खाली रह जाएगी बिहार विधान परिषद के सभापति की कुर्सी। पढ़ें पड़ताल करती रिपोर्ट।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Tue, 05 May 2020 07:46 PM (IST) Updated:Wed, 06 May 2020 02:16 PM (IST)
कोरोना के चलते नहीं हुआ बिहार विधान परिषद का चुनाव, अधिसूचना जारी नहीं हुई तो खाली रह जाएगी यह कुर्सी
कोरोना के चलते नहीं हुआ बिहार विधान परिषद का चुनाव, अधिसूचना जारी नहीं हुई तो खाली रह जाएगी यह कुर्सी

पटना, राज्य ब्यूरो। विधान परिषद के 17 सदस्यों का कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो रहा है। परिषद के कार्यकारी सभापति हारूण रशीद, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार, भवन निर्माण मंत्री डा. अशोक चौधरी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा इनमें प्रमुख हैं। इनमें से आठ सीटें शिक्षक एवं स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की हैं। बाकी नौ सदस्य विधायकों के वोट से छह साल पहले चुने गए थे। लॉकडाउन की पाबंदियों के चलते निर्वाचन आयोग ने तीन अप्रैल को ही इन सीटों के लिए मतदान कराने से इंकार कर दिया है। 23 मई को राज्यपाल के जरिए मनोनीत 12 सीटें भी खाली हो रही हैं। इस तरह 75 सदस्यीय विधान परिषद की 29 सीटें इस महीने रिक्त हो जाएंगी। 

सभापति नहीं रह पाएंगे रशीद  

मई 2017 से कार्यकारी सभापति रहे हारूण रसीद सदस्यता समाप्त होने के चलते पद पर नहीं रह पाएंगे। बुधवार को कार्यकारी सभापति या उप सभापति के पद पर किसी का मनोनयन नहीं किया गया तो दोनों पद खाली हो जाएंगे। परिषद के इतिहास में यह तीसरा अवसर होगा जब दोनों पद खाली रहेंगे। इससे पहले सात मई 1980 से 13 जून 1980 एवं 13 जनवरी 1985 से 17 जनवरी 1985 तक दोनों पद खाली रहे थे। संविधान के अनुच्छेद 184 के प्रावधान के अनुसार ऐसी हालत में दोनों पदों की शक्तियां राज्यपाल में निहित हो जाती हैं। 

मंत्री बने रहेंगे नीरज और अशोक

किसी सदन के सदस्य न रहने के बाद भी नीरज कुमार और डा. अशोक चौधरी मंत्रिमंडल के सदस्य बने रहेंगे। संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार ये अगले छह महीने तक पद पर बने रह सकते हैं। इस अवधि में विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं बने तो मंत्री पद का त्याग करना होगा। निर्वाचन आयोग ने संकेत दिया है कि अगली बैठक में वह तमाम स्थगित चुनावों के बारे में विचार करेगा। विशेष परिस्थिति में महाराष्ट्र विधान परिषद की नौ सीटों पर मतदान की इजाजत दी गई है। 

इनका कार्यकाल हो रहा है समाप्त

शिक्षक एवं स्नातक निर्वाचन क्षेत्र-नीरज कुमार-स्नातक पटना, देवेश चंद्र ठाकुर-स्नातक तिरहुत, दिलीप कुमार चौधरी-स्नातक दरभंगा, एनके यादव- स्नातक कोसी, नवल किशोर यादव- शिक्षक पटना, संजय कुमार सिंह- शिक्षक-तिरहुत, केदारनाथ पांडेय- शिक्षक सारण एवं मदन मोहन झा- शिक्षक दरभंगा निर्वाचन क्षेत्र।

विधायकों के वोट से चुने गए सदस्य

अशोक चौधरी, हारूण रशीद, पीके शाही, सतीश कुमार, सोनेलाल मेहता एवं हीरा प्रसाद बिंद (जदयू),कृष्ण कुमार सिंह, संजय मयूख एवं राधामोहन शर्मा(भाजपा)। 

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