बिहार में कोरोना से मरने वाले सरकारी कर्मियों के स्वजनों को पेंशन देगी सरकार, इनको भी होगा लाभ

मुख्यमंत्री आवास के नेक संवाद सभागार से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कैबिनेट की बैठक में सरकारी सेवकों को विशेष पारिवारिक पेंशन का लाभ देने का निर्णय किया गया है। जानें जरूरी बातें-

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 25 Jul 2020 10:50 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jul 2020 10:50 PM (IST)
बिहार में कोरोना से मरने वाले सरकारी कर्मियों के स्वजनों को पेंशन देगी सरकार, इनको भी होगा लाभ
बिहार में कोरोना से मरने वाले सरकारी कर्मियों के स्वजनों को पेंशन देगी सरकार, इनको भी होगा लाभ

पटना, जेएनएन। राज्य सरकार कोरोना संक्रमण से मरने वाले कर्मियों के स्वजनोंको पेंशन देगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गई। मुख्यमंत्री आवास के नेक संवाद सभागार से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कैबिनेट की बैठक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ली। इसमें सरकारी सेवकों को विशेष पारिवारिक पेंशन का लाभ देने का निर्णय किया गया। इसके सात ही यह भी निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण से अगर किसी सरकारी कर्मी की मौत होती है तो उसे विशेष रूप से पारिवारिक पेंशन दी जाएगी। वर्ष 2004 के बाद सेवा में आने वालों के लिए सरकार ने यह बड़ा फैसला किया है। 2004 के बाद सेवा में आने वाले को एनपीएस का लाभ मिल रहा है।

अनुपूरक बजट पर मुहर

वहीं आज हुई कैबिनेट की बैठक में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्रथम अनुपूरक बजट के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई। सरकार ने प्रथम अनुपूरक बजट के तौर पर ढाई सौ करोड़ रुपए के अतिरिक्त व्यय को मंजूरी दी है। तीन अगस्त से शुरू होने वाले मानसून सत्र में सरकार इसे पेश करेगी।

नर्सों को भी मिलेगा कर्मचारी राज्य बीमा योजना का लाभ

इसके साथ ही होमगार्ड नियमावली में संशोधन करने की तैयारी की जा रही है। इससे संबंधित प्रस्ताव पर भी आज कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। श्रम संसाधन विभाग के तहत कर्मचारी राज्य बीमा योजना का लाभ नर्सो को दिए जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई है।

महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी मिलेगा लाभ

सरकार ने महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को भर्ती, प्रोन्नति और सेवा शर्त संशोधन नियमावली के तहत सुविधा देने का फैसला किया है। निलंबित चल रहे मद्य निषेध विभाग के अवर निबंधक को बर्खास्त करना भी तय हुआ है। इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग में आयुक्त के पद पर नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया गया है।

आठ डॉक्टर किए गए बर्खास्त

कैबिनेट ने कोरोना काल में ड्यूटी से गायब रहने वाले आठ सरकारी डॉक्टरों पर बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने आठ डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है। सेवा में लापरवाही के आरोप में जिन डॉक्टरों को बर्खास्त किया गया है उनमें सीतामढ़ी सदर अस्पताल में पदस्थापित डॉ संजीव कुमार, वायसी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा पदाधिकारी के तौर पर तैनात डॉ शाहिना तनवीर, सीतामढ़ी के डुमरा पीएचसी में चिकित्सा पदाधिकारी के तौर पर तैनात डॉ साधना कुमारी, छपरा सदर अस्पताल में पदस्थापित डॉ कामेश्वर नारायण दुबे, कटिहार स्थित कुष्ठ नियंत्रण इकाई में चिकित्सा पदाधिकारी के तौर पर तैनात डॉ अजीत कुमार सिन्हा शामिल हैं। वहीं सारण के तरैया स्थित रेफरल हॉस्पिटल में चिकित्सा पदाधिकारी के तौर पर तैनात डॉ अशोक कुमार, सीतामढ़ी के नानपुर माली बाजार स्थित पीएचसी में तैनात डॉ वेणु झा, कैमूर के रामपुर स्थित पीएचसी में तैनात डॉ प्रीति शर्मा को ड्यूटी से अनुपस्थित रहने का दोषी पाते हुए बर्खास्त किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इन सभी डॉक्टरों को कई बार रिमाइंडर भेजा गया लेकिन वे सेवा से अनुपस्थित रहे।

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