बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू, शोक सभा के बाद कार्यवाही स्थगित

बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हो गया है। इस बार का सत्र बहुत छोटा, मात्र पांच दिनों का होगा। सत्र के पहले दिन विपक्ष का हंगामा हुआ।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Mon, 26 Nov 2018 09:18 AM (IST) Updated:Mon, 26 Nov 2018 02:59 PM (IST)
बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू, शोक सभा के बाद कार्यवाही स्थगित
बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू, शोक सभा के बाद कार्यवाही स्थगित

पटना [जेएनएन]। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के पहले बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सोमवार को शु्रू हो गया है, जो पांच दिनों तक चलेगा। विपक्षी पार्टियों ने सत्र शुरू होने से पहले ही हंगामा शुरू कर दिया। सत्र की शुरुआत में आज शोक संवेदना के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। विधान परिषद की कार्यवाही कल 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई है तो वहीं विधानसभा की कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित की गई है। 

सत्र की शुरुआत से पहले विधान सभा के मुख्य द्वार पर वाम दल के विधायकों ने जमकर प्रदर्शन किया। विधायक अपने हाथ में तख्तियां लेकर पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वाम दल के विधायकों ने सीतामढ़ी साम्प्रदायिक घटना और अयोध्या धर्म सभा पर खुलकर अपना विरोध जताया। 

सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानपरिषद में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी, कैबिनेट के मंत्री, विधायक काफी संख्या में विधानमंडल पहुंचे। सीएम नीतीश कुमार ने हाथ जोड़कर सबका अभिवादन किया। इस शीतकालीन सत्र में एक ओर जहां सत्तापक्ष की कोशिश रहेगी कि सत्र में पेश होने वाले विधेयकों को मंजूरी मिले, वहीं विपक्ष की कोशिश रहेगी कि सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरे।

30 नवंबर तक चलने वाले इस सत्र में पहले दिन राज्य सरकार दोनों सदनों में चालू वित्तीय वर्ष के लिए 10 हजार 463 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेगी। 27 और 28 नवंबर को राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य किए जाएंगे। सत्र को लेकर सभी दलों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं।

सदन में अपनी रणनीति तय करने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने विधानमंडल दलों की बैठक भी सोमवार शाम को बुलाई है। राजद विधानमंडल दल की बैठक शाम चार बजे राबड़ी देवी की अध्यक्षता में होगी, जिसमें विपक्ष अपना मुद्दा तय करेगा।

दोनों सदनों में द्वितीय अनुपूरक बजट पर वाद-विवाद 29 नवंबर को प्रस्तावित है। विमर्श के बाद उसी दिन इसे पारित भी किया जाएगा। 30 को गैरसरकारी संकल्प लिए जाएंगे। सत्र के दौरान विधायकों एवं विधान पार्षदों के वेतन-भत्ते में वृद्धि किए जाने के प्रस्ताव को भी पारित कराया जाएगा। 

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