खत्म हो चुकी थी अॉक्सीजन सिलेंडर की लाइफ, जानें कैसे पता चलती है एक्सपायरी

पटना जंक्शन पर मंगलवार को फटे सिलेंडर की लाइफ खत्म हो चुकी थी। ये खुलासा जांच में हुआ है। वहीं यह भी पता चला है कि कोड से सिलेंडर की एक्सपायरी पता की जा सकती है। जानें कैसे

By Edited By: Publish:Thu, 11 Apr 2019 10:27 PM (IST) Updated:Fri, 12 Apr 2019 08:22 AM (IST)
खत्म हो चुकी थी अॉक्सीजन सिलेंडर की लाइफ, जानें कैसे पता चलती है एक्सपायरी
खत्म हो चुकी थी अॉक्सीजन सिलेंडर की लाइफ, जानें कैसे पता चलती है एक्सपायरी
पटना, जेएनएन। सभी ऑक्सीजन सिलेंडरों पर छोटा सा कोड-वर्ड होता है। कोड में ए, बी, सी और डी के साथ वर्ष अंकित होता है। ए मतलब जनवरी से मार्च, बी मतलब अप्रैल से जून, सी मतलब जुलाई से सितंबर और डी मतलब अक्टूबर से दिसंबर होता है। इसके साथ वर्ष भी अंकित होता है। पटना जंक्शन के करबिगहिया गेट के पास सूमो गाड़ी से उतारने के दौरान जिस ऑक्सीजन सिलेंडर के फट जाने से कृषि विभाग के चतुर्थवर्गीय कर्मी की मौत हुई उस सिलेंडर की लाइफ खत्म हो चुकी थी।

फायर अफसर सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि आमतौर पर ऑक्सीजन सिलेंडर जल्दी फटता नहीं है। लेकिन, जो हादसा हुआ उससे साफ है कि वह सिलेंडर पुराना हो चुका था। उसका बिना टेस्ट किए ही रिफिलिंग कर दी गई होगी। उसे दोबारा पेंट कर तैयार कर दिया गया होगा। दरअसल इसका टेस्ट हाइड्रोलिक प्रेशर से होता है। ऑक्सीजन सिलेंडर का दस साल में पहला टेस्ट और फिर पांच साल पर अगला टेस्ट होता है। टेस्ट में सब कुछ सही है तो ठीक है। फेल हो गया तो उसे डैमेज कर फिर से तैयार करना चाहिए।

टेस्ट के दौरान हाइड्रोलिक प्रेशर से खराब सिलेंडर क्रेक हो जाता है या फिर वह बॉडी डैमेज कर देता है। टेस्ट कब हुआ है इसका कोड भी सिलेंडर पर ए, बी, सी, डी के साथ वर्ष भी अंकित होता है।

यूडी केस दर्ज कर भूल गए आगे की कार्रवाई

बुधवार को सिलेंडर ब्लास्ट में एक की मौत मामले में जक्कनपुर थाने की पुलिस ने यूडी केस दर्ज किया। पुलिस सिलेंडर सप्लाई करने वाले दुकानदार का नाम तक पता नहीं कर सकी है। पूछताछ तो दूर की बात है। थानेदार रघुनाथ प्रसाद कहते हैं कि अचानक सिलेंडर फट गया। अभी तक दुकानदार से पूछताछ नहीं की गई है।

दूसरे राज्यों में जा चुकी कई लोगों की जान
इसी वर्ष मार्च माह में यूपी के जौनपुर जिले के लाइन बाजार थाना क्षेत्र में ऑक्सीजन सिलेंडर फट गया। इससे मकान ध्वस्त हो गया और पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। फरवरी 2018 में ही अमेठी के जगदीशपुर में ऑक्सीजन की रिफिलिंग के दौरान सिलेंडर ब्लास्ट कर गया। चार लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे।
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