नवरुणा मामला : छह माह की अंतिम डेडलाइन पड़ सकती रसूखदारों पर भारी

अंतिम डेडलाइन की अवधि में सीबीआइ को हर हाल में आरोपितों की पहचान कर उसके विरुद्ध कोर्ट में दाखिल करनी होगी चार्जाशीट।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 08 Nov 2018 11:24 PM (IST) Updated:Fri, 09 Nov 2018 09:00 AM (IST)
नवरुणा मामला : छह माह की अंतिम डेडलाइन पड़ सकती रसूखदारों पर भारी
नवरुणा मामला : छह माह की अंतिम डेडलाइन पड़ सकती रसूखदारों पर भारी

मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। नवरुणा मामले की जांच लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय अगले छह माह अंतिम डेडलाइन सीबीआइ के लिए निर्णायक है। इस अवधि में उसे हर हाल में आरोपितों की पहचान कर उसके विरुद्ध कोर्ट में चार्जाशीट दाखिल करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी रिपोर्ट में सीबीआइ ने कई नए संदिग्धों के नाम सामने आने व उनसे पूछताछ की जरूरत बताई है। हालांकि, सीबीआइ ने इसकी चर्चा अपनी अर्जी में नहीं की है। संभावना जताई जा रही कि उसकी जद में कई चौंकाने वाले नाम हैं। अनुमान व्यक्त किया जा रहा कि अगला छह माह कई रसूखदारों पर भारी पड़ सकता। सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतिम डेडलाइन के बाद सीबीआइ की खुली गतिविधियां सामने नहीं आई हैं।

सात आरोपितों को सीबीआइ ने किया था गिरफ्तार

अपने साढ़े चार सालों से अधिक समय की जांच में सीबीआइ ने पिछले दो सालों में दो बार में सात आरोपितों को गिरफ्तार किया। इसमें नगर निगम के पार्षद राकेश कुमार सिन्हा उर्फ पप्पू, जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष शाह आलम शब्बू, बिल्डर ब्रजेश सिंह, निजी अस्पताल संचालक विक्रांत शुक्ला उर्फ विक्कू शुक्ला, होटल व्यवसायी अभय कुमार, मार्बल व्यवसायी विमल अग्रवाल व अंडीगोला के राकेश कुमार शामिल हैं। इन सभी को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था। जहां से सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। सीबीआइ इन सभी के खिलाफ निर्धारित 90 दिनों में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी। इससे सभी को जमानत मिल गई।

यह है मामला

18 सितंबर 2012 की रात नगर थाना क्षेत्र के जवाहरलाल रोड स्थित अपने आवास से सोई अवस्था में नवरुणा का अपहरण कर लिया गया। 26 नवंबर 2012 को उसके घर के पास के नाला की सफाई के दौरान मानव कंकाल बरामद हुआ। सीबीआइ ने कंकाल के अवशेष व उसकी माता-पिता के डीएनए टेस्ट के मिलान कराने के बाद इसे नवरुणा का कंकाल घोषित किया। शुरू में इस मामले की जांच पुलिस व बाद में सीआइडी ने की। नतीजा कुछ नहीं निकलने पर राज्य सरकार ने इसकी सीबीआइ जांच की अनुशंसा की। 14 फरवरी 2014 से सीबीआइ इस मामले की जांच कर रही।

chat bot
आपका साथी