दरभंगा में चल रहा हथियार के सौदागरों का खेल, मुख्य सरगना तक पहुंचने में नाकाम है पुलिस

Darbhanga News छोटे-छोटे बदमाश भी रखते हैं पिस्टल शराब धंधेबाज भी पिस्टल के साथ हो रहे गिरफ्तार पुलिसिया कार्रवाई नहीं होने हथियार सौदागरों को है चांदी दरभंगा जिले में क्राइम की घटना रोकना पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 18 Jan 2022 02:47 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jan 2022 02:47 PM (IST)
दरभंगा में चल रहा हथियार के सौदागरों का खेल, मुख्य सरगना तक पहुंचने में नाकाम है पुलिस
दरभंगा में अपराध‍ियों पर नकेल नहीं कस पा रही पुल‍िस। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

दरभंगा, जासं। शहर में इन दिनों हथियार सौदागरों का खेल चल रहा है। यही कारण है छोटे-छोटे बदमाशों के पास से हथियार की बरामदगी हो रही है। अब तो शराब धंधेबाज भी पिस्टल के साथ दबोचे जाते हैं। हथियार का सौदागर कौन है, कहां से मंगाते हैं हथियार यह पता लगाने में पुलिस पूरी तरह से फेल है। एक वर्ष पहले मुंगेर जिले के बबल डान को हथियार की तस्करी में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन, उसके कई स्थानीय साथी अब भी फरार चल रहे हैं। जिन बदमाशों के पास हथियार की बरामदगी होती है वह किस तस्कर से खरीदी गई इस संबंध में पुलिस अनुसंधान नहीं कर रही है।

पुलिस जब्ती सूची बनाकर बदमाशों को जेल भेजकर आगे की कार्रवाई से मुंह फेर लेती है। यही कारण है कि हथियार सौदागरों के खेल पर ब्रेक नहीं लग पाता है। 12 अक्टूबर को जमालपुर थानाक्षेत्र के ढाका बलुआहा गांव से पुलिस ने तीन पिस्टल और 56 कारतूस के साथ एक लाख रुपये नकदी और चांदी का सिक्का बरामद किया था। मामले में स्थानीय निवासी प्रदीप कुमार यादव और उसकी पत्नी गीता देवी को गिरफ्तार किया था। लेकिन, यह हथियार कहां से मांगाई गई थी यह आज भी पहली बना है।

वहीं 19 अक्टूबर 2020 को सिंहवाड़ा थानाक्षेत्र के बिदौली स्थित चौर में आपराधिक घटना की साजिश रचते मुजफ्फरपुर जिले के शातिर समेत सात शातिर बदमाशों को तीन पिस्टल और छह कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया था। पुलिस इस तरह के सभी मामलों में बदमाशों के हथियार बड़ी दिलेरी के साथ बरामद करती है। लेकिन, जब्ती सूची बनाने के बाद आगे कोई कार्रवाई नहीं करती है। मसलन, यह हथियार कहां से मंगाए गए और इसके सौदागर कौन है इस पर कोई अनुसंधान नहीं होता है।

मिनी गन फैक्ट्री संचालक अब भी फरार

नगर थाने की पुलिस ने एक जुलाई 2020 को चार बदमाशों को गिरफ्तार किया था। इनमें सदर थाना क्षेत्र के कंवरिया गांव निवासी प्रवीण यादव, मिर्जापुर चौक स्थित गौरी गैरेज के मालिक व गंगवाड़ा निवासी राहुल शर्मा, लहेरियासराय थाना क्षेत्र के मोगलपुरा निवासी मो. मेहराज और मो. नौशाद के पास से एक देसी राइफल सहित दो पिस्टल और कारतूस जब्त किया था। लेकिन, गिरोह का सरगना और पूर्व मिनी गन फैक्ट्री संचालक पप्पू विश्कर्मा अब तक फरार है। पुलिस को शक है कि पप्पू फिर से हथियारों का सौदागर बन गया है।

मुंगेर के बबल डान ने फैला रखा है नेटवर्क

शहर के इमामबाड़ी मोहल्ला से तीन जून 2020 को पकड़े गए आधा दर्जन हथियार तस्करों में मुंगेर जिले का बबल डान उर्फ कर्मवीर मिश्रा भी शामिल था। उसकी गिरफ्तारी काफी अहम थी। लेकिन, सही से पूछताछ नहीं हुई। इससे बड़े हथियारों के विषय में कोई जानकारी नहीं मिल पाई। सूत्रों अनुसार एके-47 की भी डील हुई थी। इससे पुलिस आज भी अनभिज्ञ है। मुंगेर जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के रामसिंह टोला निवासी बबल डान, गृहस्वामी अब्दुल्ला, रहमगंज के फराज सिद्दीकी, राशिद खान, युसूफ खान, कटहलबाड़ी निवासी इरशाद उर्फ सोनू खान को पिस्टल की 31 कारतूस के साथ दबोचा गया था। नाका नंबर छह निवासी शनि को बीस कारतूस और एक पिस्टल एवं दारूभट्टी चौक स्थित जीएनगंज निवासी मो. नेहाल के हाथों 29 कारतूस बेचने की बात बबल ने स्वीकार किया था। दोनों खरीदार पुलिस गिरफ्त से अब भी बाहर है। बबल के कई साथी शहर में मौजूद हैं। इस स्थिति में पुलिस फिर से घेराबंदी करने में लगी है।

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