विवादित ढांचा ध्वस्त होते ही वहां से पैदल निकलना पड़ा

मुजफ्फरपुर । छह दिसंबर 1992 के बाद 5 अगस्त 2020 मेरे जीवन का सबसे खुशी वाला दिन होगा। भगवान

By JagranEdited By: Publish:Sat, 01 Aug 2020 01:46 AM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2020 06:08 AM (IST)
विवादित ढांचा ध्वस्त होते ही वहां से पैदल निकलना पड़ा
विवादित ढांचा ध्वस्त होते ही वहां से पैदल निकलना पड़ा

मुजफ्फरपुर । छह दिसंबर 1992 के बाद 5 अगस्त 2020 मेरे जीवन का सबसे खुशी वाला दिन होगा। भगवान राम को यह सुखद दिन दिखाना था। इसलिए यह सब हो रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता अयोध्या प्रसाद कारसेवा के दिनों की याद को ताजा करते हुए कहते हैं कि उस समय की बात निराली थी। चार दिन पहले ही घर से निकले। गोरखपुर तक ट्रेन से वहां से फिर किसी तरह से पैदल व बस के सहारे अयोध्या पहुंचे। वहां पर रात्रि विश्राम हुआ। पांच अगस्त को शहर में जगह-जगह मंदिर में जाकर दर्शन किए। छह तारीख की रणनीति बनी। सुबह चार बजे उठकर निकल लिए। एक साथ करीब 150 लोग निकले। लेकिन, मंदिर तक पहुंचने के बाद केवल 11 लोग ही बचे। काफी भीड़ थी। भय था कि अगर भगदड़ हुई तो क्या होगा? लेकिन, मन में यह संकल्प लेकर आगे बढे़ कि बच्चा-बच्चा राम का, जन्मभूमि के काम का..। अगर राम की जन्मभूमि पर प्राण त्यागना पड़ें तो भी कोई बात नहीं। विवादित ढांचा के पास जाकर एक ईट मिली उससे ही तोड़ने लगे। अचानक जब जनसैलाब उमड़ा तो कुछ पीछे हटे। फिर क्या था देखते ही देखते पूरा विवादित ढांचा मलबे में बदल गया। जय श्री राम के नारों से पूरा परिसर गुंजायमान होने लगा। जहां देखते वहां लोग नाच रहे हैं। एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई दे रहे हैं। वहां की मिंट्टी से तिलक लगा रहे हैं।

शाम में ही माहौल होने लगा खराब

जब विवादित ढांचा गिर गया। उसके बाद शाम में वहां अद्धसैनिक बल का जमावड़ा होने लगा। माहौल खराब होने लगा। अयोध्या को खाली कराने की बात होने लगी। वहां से पैदल निकले। कुछ दूर जाने के बाद एक पुलिस की गाड़ी मिली। उसकी मदद से गोरखपुर तक आए। रास्ते में न खाने का ठीक था और न रहने का। वहां से जब घर आए तो यहां पर पूरा परिवार चितित था। सब रो रहे थे कि कोई अनहोनी न हो जाए। लेकिन, जब सामने आए तो पूरे परिवार के लोग खुश हुए। यहां आने पर पता चला कि केंद्र की सरकार ने उत्तर प्रदेश समेत कई जगह भाजपा की सरकार को हटा दिया। उसके खिलाफ भी यहां आंदोलन हुआ।

घर पर बांटेंगे भूमि पूजन की खुशियां

अयोध्या प्रसाद ने कहा कि एक तो उम्र और उसके बाद कोरोना महामारी का फेरा है। इसलिए उस दिन नींव पड़ेगी तो सुंदरकांड का पाठ होगा। मिठाई बांटेंगे तथा शाम में दीपोत्सव का आयोजन होगा। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भूमि पूजन भी एक सुखद संयोग है। सभी लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से अपने घर पर ही दीप जलाने की अपील की।

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