जिले के दस हजार किसानों का डीजल अनुदान भुगतान बाधित

किसानों के डीजल अनुदान के आवेदन को बैंकों द्वारा नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआइ) से सत्यापन नहीं किया जा रहा है। इससे दस हजार किसानों का डीजल अनुदान का भुगतान संकट में पड़ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Sep 2018 01:24 PM (IST) Updated:Sat, 15 Sep 2018 01:24 PM (IST)
जिले के दस हजार किसानों का डीजल अनुदान भुगतान बाधित
जिले के दस हजार किसानों का डीजल अनुदान भुगतान बाधित

मुजफ्फरपुर । किसानों के डीजल अनुदान के आवेदन को बैंकों द्वारा नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआइ) से सत्यापन नहीं किया जा रहा है। इससे दस हजार किसानों का डीजल अनुदान का भुगतान संकट में पड़ गया है। यह समस्या कृषि विभाग के लिए गंभीर हो गई है। इस संबंध में बैंकों से विभाग का कोई समन्वय नहीं हो रहा है। सवाल यह है कि यह समन्वय किस स्तर पर होगा। भुगतान का ये है नियम

डीजल अनुदान के भुगतान के नियमानुसार एनपीसीआइ से भी किसानों के बैंक खाते का आधार लिंक होना चाहिए। इसके लिए बैंकों में बायोमीट्रिक सिस्टम से अंगूठे का निशान लेना चाहिए। कुछ बैंकों में ऐसा होता भी है। लेकिन, कृषि विभाग के मुताबिक किसानों द्वारा बैंक में एनपीसीआइ से आधार लिंक के लिए आधार की छायाप्रति देते हैं। बैंक संबंधित किसान के बैंक खाते को तो आधार से लिंक कर देते हैं। लेकिन, एनपीसीआइ से नहीं करते हैं। कृषि विभाग के लिए समस्या

कृषि विभाग के लिए समस्या यह है कि बैंकों द्वारा बायोमीट्रिक सिस्टम से किसानों के अंगूठे का आधार लिंक नहीं कराएंगे तो एनपीसीआइ से स्वीकृत नहीं होगा। ऐसे में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा डीजल अनुदान के भुगतान के आवेदन का सत्यापन करने के बावजूद एनपीसीआइ से खारिज हो जाएगा।

प्रखंडवार मांगा ब्योरा

जिला कृषि पदाधिकारी ने प्रखंडवार सभी समन्वयकों व पदाधिकारियों को फोटोकॉपी से बैंकों में आधार लिंक कराने के आवेदन का ब्योरा मांगा है। दरअसल, बैंक किसानों के खाते का तो फोटोकॉपी से आधार लिंक कर रहा है, लेकिन एनपीसीआइ का नहीं हो रहा है। जिला कृषि पदाधिकारी डॉ. केके वर्मा ने बताया कि यह समस्या गंभीर है। इस संबंध में एलडीएम से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करेंगे, क्योंकि उनका सभी बैंकों की शाखाओं से संपर्क नहीं है। ऐसे में समन्वय उनके स्तर पर हो सकता है।

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