BRA Bihar University : मेधा घोटाला में सात के खिलाफ चार्जशीट, स्पीडी ट्रायल से आरोपितों को सजा दिलाने की तैयारी

BRA Bihar University में तीन साल पहले हुए मेधा घोटाले में विश्वविद्यालय थाने की पुलिस ने जांच पूरी करते हुए चार्जशीट दाखिल कर दिया है।

By Edited By: Publish:Mon, 13 Jan 2020 02:19 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jan 2020 03:32 PM (IST)
BRA Bihar University : मेधा घोटाला में सात के खिलाफ चार्जशीट,  स्पीडी ट्रायल से आरोपितों को सजा दिलाने की तैयारी
BRA Bihar University : मेधा घोटाला में सात के खिलाफ चार्जशीट, स्पीडी ट्रायल से आरोपितों को सजा दिलाने की तैयारी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में तीन साल पहले हुए मेधा घोटाले में विश्वविद्यालय थाने की पुलिस ने जांच पूरी करते हुए चार्जशीट दाखिल कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में सहायक प्रोफेसर अरुण कुमार, डॉ. धर्मेंद्र चौधरी, डॉ. संत ज्ञानेश्वर प्रसाद सिंह, प्रो.राजकिशोर ठाकुर, प्रो.रणवीर रंजन, विवि से संविदा समाप्ति के बाद काम करने वाले मनजीत कुमार व अमित पांडेय के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है।    सूची के साथ छेड़छाड़ 

विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष रामनाथ प्रसाद के नेतृत्व में पुलिस इस मामले में स्पीडी ट्रायल कराकर आरोपियों को सजा दिलाने की तैयारी में है। पुलिस का मानना है कि सूची में छेड़छाड़ कर अनुतीर्ण को उत्तीर्ण करना देश के भविष्य को बर्बाद करने वाला है। इस मामले में रंजीत कुमार फरार चल रहा है। उसकी तलाश जारी है।

 विश्वविद्यालय की जांच में मामला सही 

कुलसचिव कर्नल अजय कुमार राय ने कहा कि विश्वविद्यालय की जांच टीम ने शिकायत की जांच को सही पाया, उसके बाद प्राथमिकी दर्ज हुई। पुलिस को आगे की जांच करनी है। इस तरह से चला मामला : जानकारी के अनुसार, 2017 नवंबर व दिसंबर में बीए पार्ट-दो की परीक्षा के मूल्यांकन को लेकर छात्रों ने हंगामा किया। उनकी शिकायत कुलपति तक पहुंची। कुलपति स्तर से जांच टीम गठित हुई। जिसमें प्रो.शिवानंद सिंह, प्रो.अशोक कुमार श्रीवास्तव की टीम ने जांच की। जांच में यह बात सामने आई कि जिस छात्र ने परीक्षा नहीं दी उसको भी पास कराकर अंक पत्र दे दिया गया। यह सब निजी स्वार्थ में किया गया। रिपोर्ट के आधार पर कुलसचिव सेवानिवृत्त कर्नल अजय कुमार राय ने विश्वविद्यालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। इस मामले में पहले पुलिस जांच अधिकारी जवाहर सिंह रहे तथा उसके बाद थानाध्यक्ष रामनाथ प्रसाद इस मामले को खुद देख रहे हैं।

अंक पत्र में छेड़छाड़ का मामला सही 

 पुलिस ने जांच के क्रम में अमित पांडेय व मंजीत कुमार को जेल भेजा। जहां से वह जमानत पर बाहर आए। पुलिस को जांच में यह पता चला कि अमित व मंजीत को संविदा पर 11 माह की नौकरी मिली थी। लेकिन संविदा का नवीकरण नहीं होने के बावजूद दोनों एक कर्मी की तरह विश्वविद्यालय में सक्रिय रहते थे। पुलिस ने जांच में 250 छात्रों के अंक पत्र में छेड़छाड़ के मामले को सही पाया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पास को फेल व फेल को पास कराया गया। हद तो यह हुई कि जिसने परीक्षा नहीं दी उसको भी पास करा दिया गया। मेधा घोटाला मानकर पुलिस ने जांच की और उसकी रिपोर्ट कोर्ट को दी है।

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