Move to Jagran APP

पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह को उम्रकैद, अपहरण और हत्या के मामले में 28 साल बाद MP-MLA कोर्ट का फैसला

Bihar Crime News बिहार में मशरक विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके तारकेश्वर सिंह को कोर्ट ने अपहरण और हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अर्थदंड भी लगाया है। बता दें कि सोमवार को कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई में कोर्ट ने अपना यह फैसला सुनाया है।

By rajeev kumar Edited By: Yogesh Sahu Published: Mon, 29 Apr 2024 12:55 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2024 12:55 PM (IST)
पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह को उम्रकैद, हत्या के मामले में 28 साल बाद MP-MLA कोर्ट का फैसला

जागरण संवाददाता, छपरा। 28 वर्ष पूर्व पानापुर थाना क्षेत्र के तुर्की निवासी शत्रुघ्न प्रसाद गुप्ता के अपहरण के उपरांत हुई हत्या मामले में एडीजे सप्तम सह सांसद व विधायक के आपराधिक मामले के त्वरित निष्पादन के लिए बने विशेष कोर्ट के न्यायाधीश सुधीर सिन्हा ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मशरक के पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह को भादवि की दफा 302 व 364 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

loksabha election banner

इसके अलावा 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड नहीं देने पर छह-छह माह की अतिरिक्त सजा होगी। इसके अलावे भादवि की दफा 201 में सात साल की कारावास एवं 10 हजार अर्थ दंड नहीं देने पर पांच माह की अतिरिक्त सजा तथा 27 आर्म्स एक्ट में भी तीन वर्ष की कारावास एवं पांच हजार अर्थदंड नहीं देने पर चार माह की अतिरिक्त सजा सुनाई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

वे मशरक से तीन बार विधायक रहे हैं। विशेष कोर्ट के न्यायाधीश ने पानापुर थाना कांड संख्या 9/96 के सत्र वाद 588/09 में सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार पूर्व विधायक को न्यायालय में उपस्थित नहीं किया गया था। सजा की बिंदु पर सुनवाई के दौरान उन्हें जेल से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा उपस्थित किया गया था।

सजा को लेकर न्यायालय परिसर में उनके समर्थकों की भी काफी भीड़ लगी हुई थी, परंतु उनके न्यायालय में नहीं आने से उनके समर्थकों में निराशा थी। सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान विशेष न्यायालय के अपर लोक अभियोजक ध्रुव देव सिंह ने न्यायालय से कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए कड़ी से कड़ी सजा सुनाई जाए।

अभियोजन की ओर से डाक्टर तथा अनुसंधानकर्ता समेत कुल छह गवाहो की गवाही न्यायालय में कराई गई थीं। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता त्रियोगी नाथ सिन्हा, संजीत कुमार ने न्यायालय में अपना अपना पक्ष रखा। सूचक के अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव एवं दीपक कुमार भी न्यायालय में उपस्थित थे।

क्या है मामला?

विदित हो कि 10 जनवरी 1996 को पानापुर थाना क्षेत्र के तुर्की निवासी व मृतक के भाई बाबूलाल गुप्ता ने पानापुर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी। उसमें उन्होंने मशरक के पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह समेत अन्य द्वारा उनके भाई का अपहरण कर हत्या कर देने का आरोप लगाते हुए उन्हें मामले में अभियुक्त बनाया था।

अपहरण के दो दिन बाद शत्रुघ्न प्रसाद का शव मोतिहारी के डुमरिया पुल के नीचे नदी में मिला था।

यह भी पढ़ें

सिपाही पर लगा दुष्कर्म का आरोप, जब विवाह रुकवाने आरोपी के गांव पहुंची पुलिस तो रह गई दंग; ये है पूरा मामला

इंजीनियर बताकर हुई शादी... लड़का निकला रेस्टोरेंट संचालक, दिल्ली पहुंची दुल्हन तो रह गई सन्न; पुलिस तक पहुंचा मामला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.