अतिक्रमणकारियों के कब्जे में नाले व कैनालों का बड़ा हिस्सा

शहरी क्षेत्र में आधे-अधूरे जाम नाला के अलावा वाट्सन, ¨कग्स व राज कैनालों का बड़ा हिस्सा अतिक्रमणकारियों के कब्जे में देखा जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Feb 2019 10:52 PM (IST) Updated:Sun, 10 Feb 2019 10:52 PM (IST)
अतिक्रमणकारियों के कब्जे में नाले व कैनालों का बड़ा हिस्सा
अतिक्रमणकारियों के कब्जे में नाले व कैनालों का बड़ा हिस्सा

मधुबनी। शहरी क्षेत्र में आधे-अधूरे जाम नाला के अलावा वाट्सन, ¨कग्स व राज कैनालों का बड़ा हिस्सा अतिक्रमणकारियों के कब्जे में देखा जा रहा है। नाले व कैनालों की अतिक्रमित जमीन पर रह रहे दुकानदारों से संरक्षण देने वालों को प्रतिमाह हजारों रुपये की आमदनी होती है। इसलिए अतिक्रमणकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। इस स्थिति स प्रशासन पर निरंतर सवाल उठाता रहा है। वहीं बड़ी संख्या में लोग नाले की जमीन पर वर्षों से व्यवसाय कर रहे है। नाले के अतिक्रमण का सिलसिला बढ़ने के साथ जाम व जलजमाव की समस्या के अलावा नाले की नियमित रुप से सफाई भी नहीं हो रही है। नाले और कैनालों की अतिक्रमित जमीन को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने की दिशा में नगर परिषद प्रशासन की उदासीनता किसी से छीपी नहीं है। अतिक्रमणमुक्त नाले की गंदगी छोड़ देते सड़क किनारे शहर के कुछ हिस्सों में अतिक्रमणमुक्त नाला से निकाली गई गंदगी सड़क किनारे कई दिनों तक छोड़ दिया जाता है। जिससें शहर में जगह-जगह गंदगी से सामना करना पड़ता है। नगर परिषद क्षेत्र के आधे-अधूरे नाले की सफाई व्यवस्था अबतक ठोस नहीं हो सकी है। शहरी क्षेत्र के नालों का सफाई कार्य एनजीओ द्वारा किया जा रहा है। सफाई कार्य देख रहे एनजीओ कार्यशैली के पर निरंतर सवाल उठता रहा है। नगर परिषद क्षेत्र में सफाई पर प्रतिमाह करीब चालीस लाख का खर्च आता है। लेकिन अतिक्रमित नालों की सफाई नही हो पाती हैं। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष आनंद चौधरी ने कहा कि शहरवासियों को नालों के अतिक्रमण से परहेज करना चाहिए। शहर के नालों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के दिशा में जिला प्रशासन के सहयोग से शीघ्र ही ठोस कदम उठाया जाएगा। सुंदर व स्वच्छ शहर के सपनों को साकार करने के लिए शहर वासियों को आगे आना होगा। नागरिक सुविधाओं को बहाल रखने के लिए नगर परिषद प्रशासन निरंतर प्रयास कर रहा है।

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