आठवीं के बच्चे नहीं जानते डीएम का नाम

मधुबनी। सूबे की शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए गए हैं जो जमीन पर कम

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Jul 2017 11:30 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jul 2017 01:21 AM (IST)
आठवीं के बच्चे नहीं जानते डीएम का नाम
आठवीं के बच्चे नहीं जानते डीएम का नाम

मधुबनी। सूबे की शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए गए हैं जो जमीन पर कम कागजों में ज्यादा दिखती है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जहां धरातल पर हवा हवाई बनकर रह गई है। ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड के तहत की जा रही पड़ताल में वर्ग आठवीं के बच्चे जब अपने जिला के डीएम का नाम नहीं जानते तथा बिहार के राज्यपाल तथा देश में कितने राज्य है वो नही बता पाते हैं तो आप स्वयं जान सकते हैं कि पढ़ाई का स्तर क्या है। ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड के तहत शुक्रवार को दिन के 2 बजे प्रखंड मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर राजकीय मध्य विद्यालय उच्चैठ का जायजा लिया। विद्यालय में कुल 10 शिक्षक हैं, जिसमें 6 उपस्थित पाए गए। वहीं एक समन्वयक, एक ट्रे¨नग में तथा दो शिक्षक सीएल में हैं। नामांकित बच्चे की संख्या 385 है जिसमें 225 बच्चे उपस्थित पाए गए। एचएम विन्देश्वर मोची जहां वर्ग में बच्चों को पढ़ा रहे थे वहीं अन्य शिक्षक वर्ग संचालन में लगे हुए थे। विद्यालय में 11 कमरा है, जिसमें एक में कार्यालय तथा 10 कमरे में वर्ग संचालन होता है। स्कूल में शौचालय 2 है, दोनों की हालत खराब है। वहीं गंदगी के बीच शौचालय है। चापाकल 4 में तीन ठीक एक खराब है। विद्यालय में रोजाना मेन्यू के अनुसार एमडीएम बनाया जाता है। विद्यालय में रसोइया 6 हैं जिसमें सभी रसोइया उपस्थित थे। विद्यालय में बाउंड्री दीवाल का अभाव रहने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। एचएम विन्देश्वर मोची ने बताया कि विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति काफी रहती है साथ ही प्रतिदिन मेन्यू के अनुसार एमडीएम बनाया जाता है। शिक्षक ससमय उपस्थित होकर वर्ग के संचालन में लगे रहते हैं। जबकि साफ-सफाई पर बल दिया जाता है।

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