चपरासी का बेटा बना कोर्ट बाबू

जमुई। कौन कहता है कि आसमां में सुराग नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। जम

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Jun 2017 06:31 PM (IST) Updated:Sun, 18 Jun 2017 06:31 PM (IST)
चपरासी का बेटा बना कोर्ट बाबू
चपरासी का बेटा बना कोर्ट बाबू

जमुई। कौन कहता है कि आसमां में सुराग नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। जमुई के जिला जज की अदालत में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मचारी बिन्देश्वरी रविदास के पुत्र पंकज दास ने इस कहावत को सही कर दिखाया। जमुई के लक्ष्मीपुर प्रखंड अंर्तगत गौरा चिनवेरिया गांव के बिन्देश्वरी दास अपने पुत्र की इस सफलता पर फूले नहीं समा रहे है। कठिनाई के बावजूद बिन्देश्वरी दास ने अपने पुत्रों को पढ़ाने लिखाने में कोई समझौता कभी नहीं किया। सबसे बड़े पुत्र पंकज ने जमुई के हाई स्कूल से मेट्रिक तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद जमुई में ही केकेएम कालेज से पढ़ाई की। पंकज बताते हैं कि उन्होनें भागलपुर के टीएनबी लॉ कालेज से एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद जुडिसियरी में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए इलाहाबाद चले गये। सिविल जज 2012 एवं बीपीएससी द्वारा आयेजित एपीओ की प्रतियोगिता में अंतिम दौर में इन्टरव्यू के दौरान छंट जाने के बावजूद पंकज ने उम्मीद नहीं छोड़ी। पिता ने हौसला बढ़ाये रखा और अंतत: 75 सीटों के लिए बीपीएससी द्वारा आयोजित हुई 42 वीं सहायक अभियोजन पदाधिकारी की परीक्षा में वे सफल हुए। पंकज की सफलता पर जिला जज वायुनंदन लाल श्रीवास्तव,जिला जज के पेशकार राजेश रंजन ¨सह,सुनील सिन्हा,विजय कुमार सिन्हा,स्टेनो निसार अहमद एवं अन्य पदाधिकारियों ने बधाई दी। बिन्देश्वरी दास और मीना देवी के पुत्र एपीओ बने पंकज के अलावे भी एक पुत्र अधिवक्ता, एक सीआरपीएफ 11 वीं बटालियन का जवान और सबसे छोटा सिविल परीक्षा की तैयारी में लगा है।

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