सुस्त है विकास की रफ्तार, गांव को सुविधाओं की दरकार

फोटो 30 से लगातार 40 तक -बरमा गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव मुख्य मार्ग से गुरुहट तक जाने का रास्ता नहीं बंजर भूमि पर पाच एकड़ की हो रही सहजन की खेती ------ अनदेखी -सरकार से किसानों को नहीं मिल रहा लाभ लोग हो रहे परेशान -आगनबाड़ी केंद्र का भवन नहीं नहीं मिली अनुदान कि राशि ---------- -300 घर वाले इस गांव में समस्याओं का अंबार -2000 आबादी गाव की कई योजनाओं से वंचित ---------- संवाद सूत्र गुरुआ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Sep 2019 01:39 AM (IST) Updated:Mon, 16 Sep 2019 01:39 AM (IST)
सुस्त है विकास की रफ्तार, गांव को सुविधाओं की दरकार
सुस्त है विकास की रफ्तार, गांव को सुविधाओं की दरकार

गया । बरमा पंचायत भी है और गांव भी। प्रखंड मुख्यालय से पाच किलोमीटर दूर। गाव के लोग कृषि पूरी तरह कृषि पर आधारित। गाव में सिंचाई, पेयजल, स्वास्थ्य, सड़क की सुविधा नहीं है। दो हजार की आबादी बाले इस गाव के चार टोले बरमा, बरियाटाड़, निमीयाटाड़ व गुरुहट हैं। ये सभी बस्ती दो किमी के दायरे में बसे हैं। जहां पीने के पानी की कमी है। बरमा मुख्य मार्ग से गुरुहट तक जाने वाली ग्रामीण जर्जर सड़क पर पैदल चलना मुश्किलों से भरा है। जबकि दूरी मात्र आधा किलोमीटर है। गाव के 80 वर्षीय रामवृक्ष सिंह कहते हैं यदि गुरुहट जाने वाली बाली रोड बन जाए तो हमलोग की सिंचाई या खेती बारी करने में और आसानी होगी। किसान शिवानंद प्रसाद सिंह, जो पटना विश्वविद्यालय में 1967 में स्नातक के डिग्री हासिल कर अपने गाव की बंजर भूमि पर अनेक प्रकार के फलदार व सहजन के पौधे लगाए गए हैं। इनका कहना है कि यहा के किसानों को सरकार द्वारा कोई लाभ नहीं दिया जा रहा हैं। जिससे सरकार की व्यवस्था से किसान नाखुश हैं। बता दें शिवनंदन सिंह बंजर भूमि पर सहजन की खेती कर किसानी के क्षेत्र में एक मिसाल हैं। कोयंबटूर से इसका बीज मंगाकर सहजन की खेती करते हैं। जो साल में दो बार फसल देता है। जो औषधीय गुण से भरपूर होने के साथ साथ कमाई के दृष्टिकोण से फायदेमंद भी है।

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बरमा पंचायत मुख्यालय के गांव में इतनी बड़ी आबादी है फिर भी जितना विकास होना चाहिए। वह नहीं हो पाया। इस गाव में तीन वार्ड हैं। तीन वार्डो मे आंगनबाड़ी केंद्र हैं। सेविका सहायिका का चयन भी हुआ हैं। जिसमें वार्ड नंबर छह में आगनबाड़ी कोड सख्या 131 में अपनी भवन बना है। बाकी दो का अपना भवन नहीं रहने से बच्चों को परेशानी होती है।

पंकज कुमार, किसान

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गाव के किसानों ने डीजल अनुदान की राशि के लिए ऑनलाइन आवेदन किया पर बहुत से किसानों को यह राशि नहीं मिली है। जिससे गेहूं का पटवन नहीं हो सका है। कई लोग इस लाभ से वंचित हैं।

मनोज सिंह, ग्रामीण

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गाव में स्वास्थ्य उपकेंद्र है। जहां चिकित्सक या एएनएम कभी कभार ही आते हैं। जब कोई बीमार पड़ता है तो लोगों को ग्रामीण चिकित्सक के पास जाना पड़ता है। आर्थिक रूप से संपन्न ग्रामीण शहर जाकर बेहतर इलाज कराते हैं। गरीब की जिंदगी भगवान भरोसे है।

रामवृक्ष सिंह, ग्रामीण

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गाव में सिंचाई के लिए मात्र अपर मोरहर नहर है। यहां एक पोखरा है, जिसकी सफाई नहीं होने से खेतों तक पानी नहीं पहुंचता। यदि पोखर की सफाई हो जाए तो सिंचाई में कुछ सुविधा होगी।

विकास कुमार, ग्रामीण

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पंचायत भवन की स्थिति काफी जर्जर है। कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है। सरकार को चाहिए की पंचायत भवन का मरम्मत सही तरीके से करा दें। तो लोगों के लिए अच्छा रहेगा।

लक्ष्मी सिंह, ग्रामीण

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बरमा पंचायत में इकलौता खेल मैदान है। इसमें स्व. भीम सिंह की स्मृति में हर वर्ष क्रिकेट प्रतियोगिता होती है। खेल के आयोजन में कई गणमान्य लोग भी उपस्थित होते रहे हैं। इस खेल मैदान की चारदीवारी बना दी जाए तो खेल को बढ़ावा मिलेगा।

कमलेश शर्मा, शिक्षक

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सरकार अब मुंह देख कर काम कर रही है। सुखाग्रस्त इलाके की घोषणा की गई। जिसमें बरमा पंचायत तो दूर प्रखंड के एक भी पंचायत को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया गया। जबकि प्रखंड में सोलह पंचायत हैं। जहां पानी के अभाव में खेती प्रभावित हुई है। यह दुख की बात है। सरकार किसानों के साथ दोरंगी नीति अपना रही हैं।

अशोक सिंह, ग्रामीण

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गाव के बुजुर्ग लक्ष्मी सिंह, कंचन सिंह, सेवानिवृत शिक्षक कमलेश शर्मा, शिक्षक रामप्रवेश शर्मा, रामकुमार सिंह ने बताया कि बरमा ठाकुरवाड़ी सौ वर्ष पहले से बना है। यहा एक मिचईया बाबा का मूर्ति भी बनी हुई है। मिचईया बाबा का आहार सिर्फ मिर्चा ही होता था। वे बहुत धार्मिक विचार के थे। जो लोग उनसे मन से मन्नत मागते हैं, वो अवश्य पूरा होता है। हालांकि इनकी बातें सुनकर थोड़ा अटपटा सा लगा पर लोगों की इनके प्रति आस्था आज भी है।

रामप्रवेश सिंह, सेवानिवृत्त शिक्षक

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गाव में दैनिक जागरण का अभियान काफी प्रशंसनीय है। जितनी बातें व समस्याएं लोगों ने आज रखी है। उस दिशा में जितना प्रयास होगा उस हद तक कोशिश कर उसे दूर कराने का प्रयास करेंगे। पंचायत की कुछ अपनी सीमाएं हैं। उतनी राशि नहीं मिलती। जिससे एकसाथ सभी समस्याओं का हल निकल आए। प्राथमिकता के आधार पर कार्य कराया जाएगा। गांव के विकास के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

गोपाल प्रसाद, मुखिया

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गांव की स्थिति

रकबा : 1484 एकड़

मध्य विद्यालय : एक

प्राथमिक विद्यालय : एक

उप स्वास्थ्य केंद्र : एक

संस्कृति भवन : एक

सामुदायिक भवन : एक

ठाकुरबाड़ी : एक

शिवालय : चार

देवी स्थान : दो

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प्रस्तुति : मनीष कुमार

मोबाइल नंबर : 9934990499, 9304230611

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