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Pappu Yadav : पप्पू को क्यों नहीं मिला पूर्णिया से टिकट? कांग्रेस का आया चौंकाने वाला जवाब, RJD पर भी दिया रिएक्शन

पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे। इसके साथ उन्होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय भी कराया था। अब कांग्रेस ने पप्पू यादव को लेकर आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने यह कह दिया है कि पप्पू यादव कभी कांग्रेस से जुड़े ही नहीं थे। उन्होंने पार्टी की सदस्यता नहीं ली।

By Mukul Kumar Edited By: Mukul Kumar Published: Thu, 02 May 2024 09:08 AM (IST)Updated: Thu, 02 May 2024 09:08 AM (IST)
पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव

पीटीआई, पटना। Bihar Politics In Hindi पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Pappu Yadav) इन दिनों राजनीतिक गलियारों में खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। उन्होंने इस बार के चुनाव में पूर्णिया सीट (Purnia Seat) से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा है। इस सीट पर आखिर तक गहमा-गहमी चलती रही। पप्पू चुनाव के अंतिम दिन तक कांग्रेस (Congress) का समर्थन प्राप्त होने का दावा करते रहे। 

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अब इस मामले में कांग्रेस ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस की ओर से पप्पू को लेकर चौंका देने वाली प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस ने बुधवार को आधिकारिक तौर पर यह स्पष्ट कर दिया है कि पप्पू यादव ने कांग्रेस की सदस्यता और अपनी पार्टी का विलय नहीं किया है।  

पटना में सदस्यता पर्ची भी नहीं ली- कांग्रेस

पूर्णिया से चुनाव लड़ने वाले पप्पू यादव को लेकर पूछे गए सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आधिकारिक जवाब दिया। पूर्णिया सीट महागठबंधन में राजद के खाते में चली गई थी।

शर्मा ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि पप्पू ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय किया है। उन्होंने पटना में सदस्यता पर्ची भी नहीं ली, जो बिहार से पार्टी में शामिल होने वाले किसी भी व्यक्ति को लेनी पड़ती है।

बता दें कि एआईसीसी के बिहार प्रभारी मोहन प्रकाश और मीडिया व प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए पप्पू यादव का पार्टी में स्वागत किया और उनकी जन अधिकार पार्टी के विलय की घोषणा की।

बहुत से लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्नैक्स लेने आते हैं- कांग्रेस

शर्मा ने कहा कि बहुत से लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्नैक्स लेने आते हैं। मैं जो कहना चाह रहा हूं वह यह है कि प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।

बता दें कि बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने यादव से नामांकन पत्र वापस लेने के लिए कहा था। उन्होंने स्पष्ट कियाथा कि पार्टी अपने सदस्यों को स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ने की अनुमति नहीं देती है।

हालांकि, यह भी अनुमान लगाया गया था कि कांग्रेस पप्पू के लिए कोई भी रास्ता खोज सकती है। पप्पू यादव खुद को आखिरी सांस तक कांग्रेस, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का सिपाही कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि दबंग सहयोगी राजद के दबाव में उन्हें कांग्रेस का टिकट नहीं दिया गया।

राजद के हस्तक्षेप पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

जब राजद के हस्तक्षेप को लेकर कांग्रेस नेता से सवाल पूछा गया तो शर्मा ने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि राजद की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है।

हर जगह की तरह, कांग्रेस ने बिहार में अपने उम्मीदवारों को चुना। हमारा गठबंधन बिहार में 30 से अधिक सीटें जीतेगा और कांग्रेस की संख्या लगभग छह से सात होनी चाहिए।

बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से महागठबंधन में राजद 23 पर चुनाव लड़ रही है, उसके बाद कांग्रेस (नौ), सीपीआई (एमएल) और विकासशील इंसान पार्टी (तीन-तीन) और सीपीआई और सीपीआई (एम) एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही है।

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