परिवार का हर सदस्य ठग, बॉलीवुड फिल्म 'स्पेशल-26' की तरह करते थे ठगी

बिहार में एक एेसे ठग गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जिसके सभी सदस्य एक ही परिवार के लोग हैं, जो बॉलीवुड की फिल्म 'स्पेशल-26' की तर्ज पर ठगी करते थे।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Fri, 21 Oct 2016 09:46 AM (IST) Updated:Sun, 23 Oct 2016 03:02 PM (IST)
परिवार का हर सदस्य ठग, बॉलीवुड फिल्म 'स्पेशल-26'  की तरह करते थे ठगी

बक्सर [जेएनएन]। बॉलीवुड की फिल्म 'स्पेशल-26' में कुछ लोग मिलकर सीबीआइ अधिकारी बनकर देश के राज्यों में ठगी करते थे। बिहार में भी एक एेसे ही परिवार का पता चला है, जिसके दस सदस्य मिलकर ठगी की कई घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं।

इसका खुलासा बक्सर के सीताराम आश्रम के अच्छी नस्ल की गायों के नाम पर लाखों की ठगी की जांच के दौरान हुआ। गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों ने बताया है कि ये लोग 31 सालों से ठगी के धंधे में लगे हैं। देश के कई राज्यों के साथ नेपाल में भी लाखों की ठग चुके हैं। ठगी के लिए गिरोह का सरगना पांच साल कच् बच्चे का भी इस्तेमाल करता है। यह जानकारी गुरुवार को टाउन थाना में में डीएसपी शैशव यादव ने दी।

एक ही परिवार के हैं सभी सदस्य

दस लोगों के गिरोह मे शामिल सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं। सभी का अपना-अपना काम बंटा है। परिवार के मुखिया मोहनलाल अग्रवाल उर्फ जयदेव प्रसाद के अलावा पत्नी चंदा बाई, तीन पुत्र मुकेश शर्मा, ङ्क्षटकू शर्मा और राजू शर्मा के अलावा पांच पुत्रियां में निर्मला देवी, ज्योति बाला, पल्लवी शर्मा, पिंकी शर्मा तथा टोनू शर्मा शामिल हैं। टोनू शर्मा को छोड़कर सभी बेटियां तलाकशुदा हैं। निर्मला का एक पांच वर्षीय बेटा है।

कैसे करते थे ठगी

दस लोगों के गिरोह मे शामिल सभी लोग पहले किसी खास मंदिर अथवा मठ को अपना टार्गेट बनाकर वहां एक परिवार के रूप में जाते थे। वहां कुछ दिन घूमने के बहाने ठहर कर वहां के मुखिया को अपने विश्वास मे लेते हैं। यह जानने की कोशिश करते हैं कि वहां की प्रमुख जरूरत क्या है। फिर एक बड़े सौदागर बनकर ठगी की घटना को अंजाम देते थे। इस दौरान कभी मार्बल तो कभी गाय के व्यापारी बन जाते हैं।

बक्सर मे कैसे की ठगी

गिरोह के सभी सदस्य सीताराम विवाह आश्रम में और पड़ाव डाल दिया। इस दौरान आश्रम मे दस दिनों तक ठहर कर वहां के संचालक राजाराम शरण दास को विश्वास में लिया और राजस्थान में गायों का बड़ा व्यापारी बताकर सस्ते दाम मच्ं अच्छी नस्ल की गायों की आपूर्ति का प्रलोभन दिया। डेढ़ वर्ष में गिरोह ने आश्रम के महंत से लगभग 46 लाख रूपए लेने के बाद अपने मोबाइल स्वीच ऑफ कर गायब हो गए।

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ऐसे मिला सुराग

आश्रम के महंत के द्वारा नगर थाने में शिकायत के जांच शुरू हुई। हर बार घटना को अंजाम देने के बाद गिरोह के सभी सदस्य सिम बदल लेते थे, लेकिन इस बार एक चूक हो गई। उन्हें यह याद नहीं रहा कि किस-किस से उन्होंने महंत से बात की। इस वजह से एक मोबाइल चालू रहा।

इसी आधार पर पुलिस ने उनकी लोकेशन का पता लगा लिया और सभी को दबोच लिया। गिरफ्तारी से पहले सभी सीतामढ़ी के राम-जानकी मंदिर को निशाना बनाने में लगे थे। इसके बाद अगला टार्गेट नेपाल का जनकपुर मंदिर था।

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कहा - अनुमंडल आरक्षी पदाधिकारी ने-

अनुसंधान में पता चला है कि अब तक वाराणसी, जगन्नाथपुरी व सीतामढ़ी के अलावा नेपाल के कई मठों को ये लोग निशाना बना चुके हैं। संबंधित जिलों की पुलिस को भी इसकी जानकारी दी जा रही है।

शैशव यादव, अनुमंडल आरक्षी पदाधिकारी, बक्सर

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