Acid attack : SSP से लेकर DIG तक परेशान, किसे बनाया जाए आरोपित

19 अप्रैल 2019 को भागलपुर के अलीगंज स्थित एक महोल्‍ले में रहने वाली इंटर की छात्रा पर घर में घुसकर तेजाब फेंक दिया था। छात्रा का इलाज वाराणसी में चल रहा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Thu, 16 May 2019 02:36 PM (IST) Updated:Fri, 17 May 2019 09:35 AM (IST)
Acid attack : SSP से लेकर DIG तक परेशान, किसे बनाया जाए आरोपित
Acid attack : SSP से लेकर DIG तक परेशान, किसे बनाया जाए आरोपित

भागलपुर [जेएनएन]। अलीगंज में 19 अप्रैल को छात्रा पर तेजाब हमला मामले की जांच में पुलिस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। पीडि़त पक्ष के विरोधाभाषी बयानों के चलते पुलिस को जांच रिपोर्ट देने में परेशानी हो रही है। इस कारण एसएसपी से लेकर डीआइजी तक अपने वरीय पदाधिकारियों से विचार-विमर्श कर रहे हैं।

जांच रिपोर्ट आने से पूर्व पुलिस यह सुनिश्चित करना चाहती है कि मामले में आरोपित किसे बनाया जाए। प्रिंस समेत जितने भी युवक इस मामले में जेल भेज गए हैं पुलिस को फिलहाल उनके खिलाफ पर्याप्त सुबूत नहीं मिले हैं। दो दिन पूर्व एसआइटी के साथ एसएसपी ने बैठक की थी। बुधवार को डीआइजी विकास वैभव के पास पहुंचे और इस मामले में चर्चा की। एसएसपी ने डीआइजी से दिशा-निर्देश मांगा। डीआइजी भी अपने वरीय पदाधिकारियों दिशा निर्देश मांगा है। वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर ही आगे ठोस कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार जांच रिपोर्ट के बाद ही आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि फिलहाल तेजाब हमले में पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं, लेकिन पीडि़ता के आरोप के आधार पर पॉक्सो एक्ट के तहत जेल गए युवकों को आरोपित बनाया जा सकता है। इधर, इस मामले में दो अन्य युवकों की डीएनए जांच कराने की पुलिस तैयारी कर रही है। इनमें रंजीत साह और मनीष शामिल हैं। 164 के बयान में पीडि़त छात्रा ने दोनों के बारे में कहा था कि वे लोग उसके घर के बाहर गांजा पीते थे। अक्सर उसपर भद्दे कमेंट करते थे। पुलिस ने पूर्व में दोनों से पूछताछ भी की थी। पुलिस दोनों से फिर पूछताछ की जाएगी। दूसरी ओर डीआइजी ने सोमवार को विशेष जांच टीम (एसआइटी) के साथ मामले में समीक्षा की थी। इस दौरान उन्होंने एसआइटी को लीड कर रहे एसएसपी से जांच प्रगति की जानकारी ली। पुलिस इस मामले में जल्द पहली जांच रिपोर्ट जारी करेगी। इसके लिए ही तैयारी की जा रही है।

पुलिस ने इस मामले में कई सामान डीएनए जांच के लिए भेजे हैं। इसमें छत पर मिला थैला, रूमाल, कट्टा शामिल हैं। आरोपितों का डीएनए से इसका मिलान किया जाएगा। अगर डीएनए मिला जाता है तो जेल गए आरोपितों पर आरोप सही होगा। वहीं पीडि़ता के कपड़े और अन्य सामान के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। पुलिस के अनुसार चार्जशीट पीडि़ता के बयान के आधार पर ही होगा। छात्रा ने अपने बयान में प्रिंस, राजा, मनीष और रंजीत का नाम लिया है। चार्जशीट के पूर्व पुलिस पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट कर लेना चाहती है।

केंद्र सरकार को आज भेजा जाएगा एसिड पीडि़ता के सहायता राशि का प्रस्ताव

एसिड पीडि़त छात्रा को प्रधानमंत्री राहत कोष से एक लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। डीएम प्रणव कुमार के निर्देश पर जिला कल्याण अधिकारी सुनील कुमार शर्मा गुरुवार को केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजेंगे। बनारस स्थित समयनअस्पताल में पीडि़त छात्रा से संबंधित कागजात जुटाने के लिए सुल्तानगंज प्रखंड के कल्याण अधिकारी रणविजय कुमार सिंह को भेजा गया था। प्रखंड कल्याण अधिकारी ने पीडि़ता की मेडिकल रिपोर्ट, आधार कार्ड, बैंक खाता नंबर और तस्वीर जिला प्रशासन को सौंप दी गई है।

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