कफ पीडि़तों को मिल नहीं रहा सिरप, नशेडिय़ों की पौ बारह Bhagalpur News

शहर के कई मेडिकल दुकानों में बिना पर्ची के प्रतिबंधित दवाएं दी जा रही है जबकि कफ पीडि़तों के हाथ में पर्ची रहते उन्हें वापस आना पड़ रहा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Sun, 22 Dec 2019 09:10 AM (IST) Updated:Sun, 22 Dec 2019 09:10 AM (IST)
कफ पीडि़तों को मिल नहीं रहा सिरप, नशेडिय़ों की पौ बारह Bhagalpur News
कफ पीडि़तों को मिल नहीं रहा सिरप, नशेडिय़ों की पौ बारह Bhagalpur News

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। नशे के रूप में कफ सिरप, दर्द नाशक दवाओं, प्रतिबंधित दवाओं और इंजेक्शन का धड़ल्ले से इस्तेमाल युवाओं को जरायम की दुनियां में ढकेलने लगा है। सिल्क सिटी के अमूमन सभी मुहल्ले में इसके लत वाले नुक्कड़ों, चाय-पान की दुकानों पर दिख जाएंगे। इनकी जेब में पैसे हैं तो ठीक नहीं तो लूटपाट करने में नहीं हिचक रहे हैं। यहां सक्रिय ड्रग माफिया ऐसे नशेडिय़ों को स्मैक की तीन-चार खुराक दे उनसे बड़े अपराध कराने लगे हैं। सूबे में सक्रिय कटिहार के कोढ़ा गैंग के शातिर स्मैक की तीन-चार खुराक खिला ऐसे नशेडिय़ों से बाइक चोरी से लेकर छिनतई की वारदात को अंजाम दिला रहे हैं। हाल में हुए वारदातों की तफ्तीश में यह बात सामने आई है।

स्मैक बांट रहे कोढ़ा गैंग के गुर्गे

सिल्क सिटी के कोतवाली चौक, गोलाघाट, अलीगंज, हबीबपुर, मोजाहिदपुर, सराय, मंदरोजा, तातारपुर, इशाकचक, भीखनपुर, मुंदीचक, नया बाजार, खलीफाबाग, आदमपुर, कंपनीबाग, साहिबगंज, नरगा, तिलकामांझी, सबौर, बरारी, मायागंज, खंजरपुर जैसे इलाके में सक्रिय युवा जरायम पेशेवरों में चंद शातिरों को मंहगे गैजेट्स दिलाने का सब्जबाग दिखा कोढ़ा गैंग के गुर्गे स्मैक की खुराक दे रहे हैं। तीन-चार खुराक में ही वे उनके इशारे पर वारदात को अंजाम देने लगते हैं। शहर के कई मेडिकल दुकानों में बिना पर्ची के प्रतिबंधित दवाएं दी जा रही है, जबकि कफ पीडि़तों के हाथ में पर्ची रहते उन्हें वापस आना पड़ रहा है। नशेडिय़ों को आसानी से इसलिए सिरप और नशीली दवाएं मिल जाती कि उनसे दूना दाम मिलता है। चूरा पोस्ता मिले स्मैक की खुराक सात सौ से एक हजार रुपये में मिल रही है, जिसे पैसे वाले बिगड़ैल युवक ही खरीद रहे हैं, जबकि दो से तीन सौ रुपये की टिकिया चूरा मिक्स पाउडर धड़ल्ले से कोढ़ा गैंग से जुड़े सिम्मिया, मिथलेशिया गिरोह मुहैया करा रहा है। कोतवाली थाने से चंद फासले पर बेचे जाने की भी चर्चा है। शहर के कई मुहल्ले में चाय-पान की दुकानों में भी प्रतिबंधित दवाएं बेची जा रही है।

इन दवाओं की लगती है बोली

जीरॉक्स, पेन्सिडन, टोरेक्स, बेनाड्रिल, मैनटेक्स, पिराइटिल, एलफैक्स, कोडिन नावीकोव, डाइजापाम, स्पास्मो प्रॉक्सीवान, डेंटराइट, व्हाइटनर, थीनर, अल्प्राजोलम के अलावा स्मैक, चूरा पोस्त, नशीली टिकिया मिक्स पाउडर

ये है साइड इफेक्ट

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. कुमार गौरव कहते हैं कि ऐसी नशीली दवाओं के इस्तेमाल का शरीर पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। पाचन तंत्र में गड़बड़ी, नपुंसकता, यादाश्त की कमजोरी, लीवर और गुर्दे पर खराब प्रभाव डालता है। ज्यादा समय तक सेवन से ऐसी दवाएं जिंदगी छीन लेती है।

-दयानंद प्रसाद, औषधि निरीक्षक, भागलपुर ने कहा कि प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री हमारी संज्ञान में फिलहाल नहीं है। एमपी द्विवेदी रोड स्थित एक दुकान में ऐसा मामला आया था, जिसके विरुद्ध अभियोजन चलाया गया है। बिना डॉक्टर की पर्ची के दवा बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

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