स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ा रेशमी शहर, भागलपुर को देशभर के 4242 शहरों में मिली 379 रैकिंग

भागलपुर स्मार्ट सिटी में शामिल है। इसके बावजूद भी यहां की व्‍यवस्‍था अच्‍छी नहीं है। केंद्रीय टीम के सर्वे के अनुसार यहां की स्‍वच्‍छता व्‍यवस्‍था अच्‍छी नहीं है। रेकिंग में भागलप

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Thu, 20 Aug 2020 04:39 PM (IST) Updated:Thu, 20 Aug 2020 04:39 PM (IST)
स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ा रेशमी शहर, भागलपुर को देशभर के 4242 शहरों में मिली 379 रैकिंग
स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ा रेशमी शहर, भागलपुर को देशभर के 4242 शहरों में मिली 379 रैकिंग

भागलपुर, जेएनएन। स्मार्ट सिटी में शामिल होने के चार साल बाद भी भागलपुर लगातार स्वच्छता रैकिंग में पिछड़ता चला जा रहा है। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के स्वच्छता सर्वेक्षण, 2020 का परिणाम गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी किया। देशभर के 4242 शहरों में भागलपुर ने 379वीं रैकिंग हासिल की है।

पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी बढ़ी रैंकिंग :

सर्विस लेवल प्रोग्रेस, सिटीजन फीडबैक, डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन व सार्टिफिकेशन को सर्वे का आधार माना गया था। इसके लिए छह हजार अंक निर्धारित किए गए थे। इनमें भागलपुर को 982 अंक ही मिल सके। 2019 में 4237 शहरों में भागलपुर को 412वां स्थान मिला था। गत वर्ष की तुलना में भागलपुर शहर की रैंकिंग थोड़ी आगे जरूर हुई है, लेकिन यह आसपास के अन्य छोटे जिलों से भी पीछे है। सहरसा ने 373, पूर्णिया ने 364, कटिहार ने 349 व मुंगेर ने 297वीं रैंकिंग हासिल की है।

केंद्रीय टीम ने किया था सर्वे :

केंद्रीय टीम ने शहर में 24 जनवरी को स्वच्छता सर्वे किया था। टीम ने सर्वेक्षण के क्रम में सेवा स्तर पर प्रगति, प्रत्यक्ष अवलोकन, नागरिकों से मिली प्रतिक्रिया और प्रमाणन के आधार चार बड़े स्रोतों से आंकड़े जमा किए थे। कचरामुक्त शहर और खुले में शौचमुक्त शहर को स्टार रेटिंग में रखा गया था। लचर सफाई संसाधनों की वजह से शहरवासियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। कूड़ा निस्तारण व घर-घर कूड़ा संग्रहण की अव्यवस्था के कारण यह टॉप 100 में भी नहीं पहुंच पाया।

स्वच्छता रैंकिंग में भागलपुर का सफर :

पहली बार 2016 में 350वें एवं 2017 के सर्वेक्षण में 434 शहरों में 275वें स्थान पर भागलपुर रहा था। 2018 में 4041 शहरों में इसे 465 वां स्थान मिला था। 2019 में 4237 शहरों में इसे 412 वां स्थान मिला था। हर माह 1.2 करोड़ रुपये खर्च करता है निगम : निगम सफाई व्यवस्था पर 1.2 करोड़ रुपये खर्च करता है। वार्डों से लेकर शहर से कूड़ा संग्रहण व डंपिंग कार्य के लिए 1200 मजदूर निगम के पास है। बावजूद घर-घर कूड़ा संग्रहण, गलियों से कूड़ा उठाव और निस्तारण की व्यवस्था को निगम प्रशासन दुरुस्त नहीं कर सकी है।

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर स्मार्ट सिटी से कार्य होना है। प्रोसेसिंग से लेकर कूड़ा उठाव तक की कार्ययोजना तैयार हो रही है। अगले वर्ष बेहतर रैंकिंग का प्रयास होगा। - सत्येंद्र वर्मा, उपनगर आयुक्त

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