रिसाइकल्ड लीड बैटरी की मांग में बढ़ोतरी जारी, 2022 तक पार हो जाएगा 12 बिलियन डॉलर का आंकड़ा

रिसाइकल्ड लीड बैटरी की ग्लोबल मार्केट 6.5 फीसद सालाना वृद्धि के साथ 2022 तक बढ़कर 11.83 बिलियन डॉलर हो सकती है।

By Pramod KumarEdited By: Publish:Fri, 24 Aug 2018 01:00 PM (IST) Updated:Fri, 24 Aug 2018 01:00 PM (IST)
रिसाइकल्ड लीड बैटरी की मांग में बढ़ोतरी जारी, 2022 तक पार हो जाएगा 12 बिलियन डॉलर का आंकड़ा

नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। रिसाइकल्ड लीड बैटरी की ग्लोबल मार्केट 6.5 फीसद सालाना वृद्धि के साथ 2022 तक बढ़कर 11.83 बिलियन डॉलर हो सकती है। भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से बढ़ती मांग की वजह से यह बढ़ोतरी होगी। फेडरेशन ऑफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्री (FIMI) के अध्यक्ष सुनील दुग्गल ने बताया कि अभी दुनियाभर में ऑटोमोटिव और इंडस्ट्रियल सेक्टर में इनकी भारी मांग है। उन्होंने कहा कि रिसाइकल्ड लीड बैटरी मार्केट लगातार बढ़ रही है. अगले चार सालों में यह बढ़कर 11.83 बिलियन डॉलर हो जाएगी।

उन्होंने बताया कि इन बैटरी की मांग यूरोप और भारत, ब्राजील, चीन और मैक्सिकों जैसे देशों में ज्यादा है। उन्होंने कहा कि बैटरी रिसाइक्लिंग का कॉन्सेप्ट पर्यावरण के लिहाज से अच्छा है। इन बैटरी में लीड, मर्करी, निकल और कैडमियम जैसी मेटल होती हैं जो धरती और पानी को प्रदूषित करती है। इसलिए इन्हें रिसाइकल करना एक अच्छा ऑप्शन है। लीड को अनेकों बार रिसाइकल किया जा सकता है।

सुनील ने बताया कि 2019 में ग्लोबल मार्केट में 100 मिलियन यूनिट का आंकड़ा पार हो जाएगा। भारत अभी दुनिया की चौथी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल मार्केट है। भारत की ऑटोमोटिव मार्केट सालाना 10 फीसद की दर से बढ़ रही है जो 2020 में जापानी मार्केट को पछाड़ देगी। जापान अभी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल मार्केट है। माना जा रहा है कि चीन, भारत, ब्राजील, मैक्सिको, साउथ अफ्रीका, इंडोनेशिया और जर्मनी में बढ़ती मार्केट से यह मांग और बढ़ेगी।

सुनील दुग्गल ने कहा कि एनर्जी स्टोरेज सिस्टम की उपयोग और माइनिंग, न्यूक्लियर पावर, इलेक्ट्रिसिटी जनरेशन, गैस टर्बनाइन, बैंकिंग, हॉस्पिटैलिटी जैसे सेक्टर में यूपीएस की वजह से लीड एसिड बैटरी की मांग लगातार बढ़ेगी।

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