ऑटो एक्सपो 2018 में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता ज्यादा, लेकिन कीमत बड़ी बाधा

ऑटो एक्सपो 2018 का पूरा फोकस इलेक्ट्रिक वाहनों पर है। लेकिन इनकी कीमतों को लेकर न केवल कार निर्माता बल्कि दोपहिया बनाने वाली कंपनियां भी चिंतित हैं

By Ankit DubeyEdited By: Publish:Thu, 08 Feb 2018 10:55 AM (IST) Updated:Fri, 09 Feb 2018 10:01 AM (IST)
ऑटो एक्सपो 2018 में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता ज्यादा, लेकिन कीमत बड़ी बाधा
ऑटो एक्सपो 2018 में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता ज्यादा, लेकिन कीमत बड़ी बाधा

नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ बढ़ रहे घरेलू ऑटो उद्योग के लिए ऐसे वाहनों की कीमत अभी सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। कंपनियों की कोशिश है कि टेक्नोलॉजी के जरिये वाहनों पर आने वाली लागत को कम किया जाए ताकि ग्राहकों के बीच इन्हें लोकप्रिय बनाने में मदद मिल सके। हालांकि उद्योग सरकार की ओर से भी इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के संबंध में नीति की स्पष्टता चाहता है।

ऑटो एक्सपो 2018 का पूरा फोकस इलेक्ट्रिक वाहनों पर है। लेकिन इनकी कीमतों को लेकर न केवल कार निर्माता बल्कि दोपहिया बनाने वाली कंपनियां भी चिंतित हैं। कंपनियों का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए देश में आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करना तो अलग विषय है। बड़ी बात है इनकी कीमतों को नीचे लाना।

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर एन. राजा का कहना है कि इलेक्ट्रिक कारों की मौजूदा प्राइसिंग भारतीय ग्राहकों के अनुकूल नहीं है। यही वजह है कि अभी इन वाहनों को ग्राहकों की पसंद बनने में वक्त लगेगा।

वैसे राजा ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि जब तक इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें नीचे आएं, तब तक सरकार को हाइब्रिड वाहनों को प्रोत्साहन देना चाहिए। वैसे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों को नीचे लाने में उद्योग प्रयासरत है। सामान्य दोपहिया वाहन और इलेक्ट्रिक दोपहिया की कीमत में अभी 35 से 40 हजार रुपये का फर्क है। इसलिए खासतौर पर दोपहिया वाहन कंपनियां इस अंतर को कम करने पर तेजी से काम कर रही हैं।

हीरो इलेक्ट्रिक के व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक नवीन मुंजाल मानते हैं कि यह काम टेक्नोलॉजी की मदद से ही संभव होगा। उनका मानना है कि सामान्य दोपहिया वाहनों और इलेक्ट्रिक टू व्हीलर की कीमतों का मौजूदा अंतर कम होने में अब भी चार से पांच वर्ष का समय लगेगा। ऐसे दोपहिया वाहनों में बैटरी की कीमत को नीचे लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बैटरी स्वैपिंग जैसे विकल्पों पर भी विचार हो रहा है।

इलेक्ट्रिक वाहनों के कंसेप्ट दिखाने वाली ज्यादातर कार कंपनियां मानती हैं कि पूरा उद्योग नई टेक्नोलॉजी विकसित करने में जुटा है, जिससे भारतीय परिप्रेक्ष्य में इलेक्ट्रिक कारों की कीमतों को कम किया जा सके।

लोहिया ऑटो के सीईओ आयुष लोहिया मानते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों को नीचे लाने के लिए सरकार को अपनी नीति के बारे में भी अधिक स्पष्ट होना होगा। सरकार को एक लांग टर्म सब्सिडी पॉलिसी का एलान करना चाहिए, ताकि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा मिल सके। 

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