क्या RBI के नए फैसले से भारतीय ऑटो सेक्टर के ‘अच्छे दिन’ आएंगे?

Reserve Bank of India (RBI) की Monetary Policy Committee (MPC) ने ब्याज दरों को घटा दिया है जिससे Car Loan सस्ता हो सकता है और Auto Industry की हालात में सुधार देखने को मिल सकता है

By Shridhar MishraEdited By: Publish:Thu, 06 Jun 2019 07:33 PM (IST) Updated:Fri, 07 Jun 2019 08:30 AM (IST)
क्या RBI के नए फैसले से भारतीय ऑटो सेक्टर के ‘अच्छे दिन’ आएंगे?
क्या RBI के नए फैसले से भारतीय ऑटो सेक्टर के ‘अच्छे दिन’ आएंगे?

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने ब्याज दरों को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। Monetary Policy Committee ने रेपो रेट में 0.25 फीसद कटौती की घोषणा की है। यहां जानना जरूरी है कि इससे पहले रेपो रेट 6 फीसद था जिसे घटाकर कर अब 5.75 फीसद कर दिया गया है। ऐसे में यह 9 सालों में सबसे कम है। इससे पहले जुलाई 2010 में रेपो रेट 5.50 फीसद था। माना जा रहा है कि Reserve Bank of India के इस फैसले का भारतीय आटो सेक्टर पर एक बड़ा असर पड़ सकता है। दरअसल इस साल की शुरुआत से ही ऑटो सेक्टर में भारी उतार चढ़ाव देखे जा रहे हैं। कार कंपनियों से लेकर बाइक कंपनियों तक की बिक्री में भारी गिरावट देखने को मिल रहा है। ऐसे में रेपो रेट में की गई कमी से इन कंपनियों की बिक्री में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

सस्ता होगा कार लोन?

RBI की तरफ से रेपो रेट में की गई कटौती का असर कार की लोन देखने को मिल सकता है। उम्मीद की जा रही है कि इस फैसले से कार की लोन सस्ती होगी। हालांकि, यह पूरी तरह से बैंकों पर निर्भर करता है कि वो इसका कितना फायदा ग्राहकों को देते हैं। दरअसल रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI कॉमर्शियल बैंकों को कर्ज या फंडिंग देता है।

EMI में होगी कटौती?

रेपो रेट में की गई कटौती से जहां नया लोन सस्ता हो सकता है। वहीं, पहले से लिए गए लोन की EMI में कटौती हो सकती है। इसके अलावा रीपेमेंट पीरियड में भी ग्राहकों को कटौती का फायदा मिल सकता है। हालांकि, यह बैंक की तरफ से निर्भर करता है कि वो कितनी छूट ग्राहकों को देते हैं।

बिक्री में आएगी बढ़ोतरी?

जैसा कि हमने पहले ही बताया कि रेपो रेट में की गई कटौती का सबसे बड़ा असर ऑटो इंडस्ट्री पर देखने को मिल सकता है। 2019 की शुरुआत से ही ऑटो इंटस्ट्री में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। यहां तक की Maruti Suzuki से लेकर Bajaj जैसी दिग्गज निर्माताओं की भी बिक्री में गिरावट आई है। ऐसे में अगर कार लोन सस्ता होता है तो बिक्री में बढ़ोतरी होगी, जिससे लड़खड़ाई ऑटो इंडस्ट्री को फिर से मजबूती मिलेगी।

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ऑटो इंडस्ट्री में क्यों आई गिरावट?

ऑटो इंडस्ट्री में आई गिरावट के वैसे तो कई कारण हैं, लेकिन दो सबसे बड़े कारण जो है उनमें तकनीकी बदलाव और महंगी कीमतें शामिल हैं। दरअसल कार और बाइक कंपनियों की तरफ से कई बड़े बदलाव किए गए हैं। इनमें BS-6 इंजन और सुरक्षा के लिए ABS और CBS फीचर्स शामिल हैं। दरअसल भारत सरकार के नए नियमों के बाद निर्माता कंपनियां अपने मॉडल में नए इंजन और सेफ्टी फीचर्स को शामिल कर रही हैं, जिनका असर इन प्रोडक्ट्स की कीमतों पर पड़ा है। ऐसे में ज्यादा तर कार और बाइक कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों को महंगा कर दिया है, जिससे बिक्री पर बुरा असर पड़ा है।

इन वजहों से भी आई है गिरावट

रॉ मैटेरियल का महंगा होना, वैश्विक स्तर पर उथल-पुथल और इंश्योरेंस पॉलिसी का भी ऑटो सेक्टर पर बुरा असर पड़ा है।

ऑटो सेक्टर के अच्छे दिन आने वाले हैं

ज्यादा तर एक्सपर्ट्स और निर्माताओं का मानना है कि ऑटो सेक्टर में आई गिरावट शुरुआती समय के लिए है। निर्माता कंपनियों को उम्मीद है कि जल्द स्थिति सामान्य हो जाएंगी। ऐसे में रेपो रेट में की गई कटौती आटो सेक्टर के लिए संजीवनी का काम कर सकती है।

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